नई दिल्ली: इस केस में एक चोर की गवाही ने एक 27 साल पुरानी हत्या की पहेली को सुलझाने में मदद की। यह कहानी है सिस्टर अभया की, जिनकी लाश 27 मार्च 1992 को केरल के कोट्टायम के सेंट पायस एक्स कॉन्वेंट हॉस्टल के कुएं में मिली थी।
घटना का विवरण
- तारीख: 27 मार्च 1992
- स्थान: सेंट पायस एक्स कॉन्वेंट हॉस्टल, कोट्टायम, केरल
- शिकार: सिस्टर अभया (बीना थॉमस)
- पुलिस की प्रारंभिक जांच: पुलिस ने मान लिया कि अभया ने आत्महत्या की थी।
अभया की लाश कुएं में मिली थी और उसके पास एक चप्पल और एक सफेद कपड़ा था। प्रारंभ में पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला मान लिया, लेकिन अभया के पिता ने इसे चुनौती दी।
सीबीआई की जांच
- सीबीआई को मामला सौंपा गया: जब अभया के पिता ने सवाल उठाए, तो केस सीबीआई को सौंप दिया गया।
- जांच की शुरुआत: सीबीआई ने 1993 में जांच शुरू की, लेकिन 12 साल तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
सीबीआई ने चार रिपोर्टें पेश कीं, जिनमें से तीन को अदालत ने खारिज कर दिया।
चोर की गवाही
एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब राजू नाम का एक चोर सामने आया।
- राजू की गवाही: राजू ने गवाही दी कि वह उस रात हॉस्टल में चोरी के लिए गया था और उसने देखा कि फादर थॉमस कट्टूर और सिस्टर सेफी अभया के साथ थे।
- अवैध संबंध का खुलासा: फादर और सिस्टर के बीच अवैध संबंध थे, जिसे अभया ने देख लिया था।
हत्या की योजना
- हत्या का कारण: अभया ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, जिससे उन्होंने उसे मारने का फैसला किया।
- हत्या का तरीका: पहले उन्होंने अभया का गला घोंटा और फिर उसके सिर पर भारी वस्तु से वार किया।
न्याय की प्रक्रिया
- कोर्ट का फैसला: 27 साल बाद, कोर्ट ने फादर कट्टूर और सिस्टर सेफी को अभया के हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
- राजू की भूमिका: राजू की गवाही ने न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।