पूर्व मुख्यमंत्री और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने पहले ही पोस्टल बैलेट में हो रही हेरा-फेरी का विडियो वायरल कर चुनाव आयोग पर सवाल खड़ा कर दिया है। ऐसे में अब तक के चुनावी इतिहास में पहली बार कुछ नए बदलाव देखने को मिले है। 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में 80 वर्ष से अधिक वर्ग के आयु के लोग और दिव्यांग लोगो के लिए घर से मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है। इस प्रक्रिया में 80 वर्ष से अधिक आयु के लोग और दिव्यांग मतदाताओ के घर जाकर मतदान की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई जिसमे पहले ही उनसे फॉर्म 12-डी भरवाया गया था और ऐसे लोगो को एब्सेंटी वोटर का करार दिया गया था।
ऐसे में एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी यह शिकायत लेकर निर्वाचन आयोग के पास पहुंची है कि ऐसे एब्सेंटी वोटर्स की लिस्ट जिनमे 80 वर्ष आयु और दिव्यांग लोगो के नाम सम्मिलित है, उनकी सूची उनको उपलब्ध नहीं कराई गयी है जिसको लेकर कांग्रेस कमेटी ने मतदान की प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए है। कांग्रेस ने इसकी लिखित शिकायत निर्वाचन कार्यालय से की है । वही निर्वाचन आयोग का कहना है कि सभी प्रत्याशियो को एब्सेंटी मतदाताओ की सूची उपलब्ध कराइ गयी थी लेकिन अब मामले की जांच की जा रही है।
वही इस शिकायत के बाद विपक्ष नेताओ के कटाक्ष शुरू हो गए है। ऐसे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कागेस पर शब्दों का वार करते हुए कहा कि कांग्रेस को अंदाजा हो गया है कि वह चुनाव में हार रही है। इसलिए वह हमेशा की तरह ईवीएम में छेड़छाड़ व डाकपत्रों में धांधली को लेकर बगैर सिर-पैर की बात कर रही है। और ठीकरा संवैधानिक संस्थाओं पर फोड़ रही है। राजनीतिक विद्वेष के चलते कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता ने सैनिकों के डाक मतपत्रों का फर्जी वीडियो जारी किया है। यह भारतीय सेना का अपमान है। जिसके जवाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि हमने अपने सभी प्रत्याशियों से बातचीत की है, जिसमें यह तथ्य स्पष्ट तौर पर सामने आया है कि 80 वर्ष से अधिक आयु वाले, दिव्यांग, सर्विस मतदाताओं से जुड़ीं सूचियां कांग्रेस प्रत्याशियों को उपलब्ध ही नहीं कराई गईं। हम मांग करते हैं कि मतगणना से पूर्व इन सभी के लिए दोबारा मतदान की प्रक्रिया अमल में लाई जाए।