
Report- अनुज कुमार शर्मा
चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित 57 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल पोस्ट बनबसा का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों एवं जवानों से भेंट कर सीमा क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने एसएसबी के जवानों के अदम्य साहस, कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हमारे जवान देश की शान हैं। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूर्ण समन्वय में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाएं हमारे सुरक्षाबलों की सहायता से पूरी तरह अभेद हैं और इनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने सीमा चौकियों की अवस्थापना सुविधाएं, संचार व्यवस्था, गश्त की व्यवस्था तथा जवानों के लिए उपलब्ध अन्य सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की और आवश्यक सुधारों हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने माणा जैसे सीमावर्ती गांवों को “प्रथम गांव” की संज्ञा दी है। जो राष्ट्र की सीमाओं और संस्कृति की पहली पहचान हैं। इन गांवों और सीमाओं की रक्षा में जुटे सभी जवानों का उन्होंने धन्यवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जवानों से वार्ता भी की और उनकी समस्याओं, अनुभवों और ज़मीनी परिस्थितियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते हुए हाल ही में हुए पहलगाम हमले को कायरतापूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इसका मुँहतोड़ जवाब हमारी सेना और सुरक्षाबलों ने दिया है। उन्होंने कहा कि इस समय देशवासियों ने सामूहिक एकता और राष्ट्रवाद का परिचय दिया है। जो कि किसी भी हथियार से अधिक शक्तिशाली है। मुख्यमंत्री ने सभी सशस्त्र बलों और सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए राष्ट्र सेवा में उनके समर्पण को नमन किया।
इस दौरान डीआईजी एसएसबी अमित शर्मा, जिला अधिकारी नवनीत पांडे सहित सीमा पर तैनात सभी सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी उपस्थित रहे।