
आज 9 जुलाई, बुधवार को देशभर में ‘भारत बंद’ का असर देखा जा रहा है। देश की 10 बड़ी ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक और श्रम नीतियों के विरोध में इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस बंद से कई जरूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, जबकि कुछ सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहने की उम्मीद है।
भारत बंद में क्या-क्या रहेगा बंद?
हड़ताल का व्यापक असर सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाओं पर पड़ सकता है:
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बैंक और बीमा कंपनियों का कामकाज प्रभावित रहेगा
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पोस्ट ऑफिस और डाक सेवाएं बाधित हो सकती हैं
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कोयला और खनन उद्योग में कामकाज रुक सकता है
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हाईवे और निर्माण कार्य ठप रहने की संभावना
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सरकारी फैक्ट्रियों और कंपनियों का उत्पादन ठप हो सकता है
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राज्य परिवहन जैसे सरकारी बसें और ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं
क्या खुले रहेंगे?
हालांकि, कुछ सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी:
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निजी कंपनियों और दफ्तरों में कामकाज सामान्य रहेगा
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अस्पताल और मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी
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निजी स्कूल, कॉलेज और ऑनलाइन क्लासेस सामान्य रूप से चलेंगी
भारत बंद क्यों बुलाया गया है?
इस बंद के पीछे ट्रेड यूनियनों की कई अहम मांगें और आपत्तियां हैं। यूनियनों का आरोप है कि सरकार:
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निजीकरण और ठेका प्रणाली को बढ़ावा दे रही है
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चार नए लेबर कोड श्रमिकों के अधिकार छीनते हैं
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शहरी बेरोजगारों के लिए मनरेगा जैसी योजना लागू नहीं कर रही
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मनरेगा की मजदूरी और कार्यदिवस बढ़ाने की मांग भी पूरी नहीं हुई
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शिक्षा, स्वास्थ्य और राशन जैसी बुनियादी सुविधाओं पर खर्च कम है
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नई नौकरियों की भर्ती शुरू नहीं की गई
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10 साल से राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया
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रिटायर्ड लोगों की दोबारा नियुक्ति से युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही
हड़ताल में शामिल यूनियनों की सूची:
इस हड़ताल का नेतृत्व देश की प्रमुख 10 ट्रेड यूनियनें कर रही हैं:
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INTUC – इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
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AITUC – ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
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HMS – हिंद मजदूर सभा
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CITU – सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स
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AIUTUC – ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर
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TUCC – ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर
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SEWA – सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेन्स एसोसिएशन
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AICCTU – ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स
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LPF – लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन
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UTUC – यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस