जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक 40 साल पुराने रेप के प्रयास के मामले में एक व्यक्ति को सजा सुनाई है। यह व्यक्ति, शिव प्रकाश, ने 20 साल की उम्र में एक पांच साल की बच्ची के साथ रेप की कोशिश की थी। अब, 59 साल की उम्र में, उसे जेल की सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने उसे दो हफ्तों के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है, अन्यथा पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी।
मामला क्या है?
यह मामला 7 फरवरी 1985 का है, जब बारां थाने में शिव प्रकाश के खिलाफ बच्ची के साथ रेप की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में, 18 दिसंबर 1991 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शिव प्रकाश को पांच साल की जेल और 500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। यदि वह जुर्माना नहीं चुकाता, तो उसे छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी पड़ती।
अपील का इतिहास
शिव प्रकाश ने इस सजा के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में 1992 में अपील की थी। उस समय उसकी उम्र 27 साल थी। उसके वकील ने कहा कि रेप के प्रयास का मामला विश्वसनीय नहीं है और इसमें कई विरोधाभास हैं। लेकिन हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने शिव प्रकाश की 32 साल पुरानी अपील को खारिज करते हुए उसे जेल भेजने का आदेश दिया।
न्यायालय का फैसला
इस मामले में सरकारी वकील मानवेंद्र सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की जांच में रेप के प्रयास की पुष्टि हुई है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी अपराध का प्रयास करने के लिए उस अपराध का इरादा होना आवश्यक है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में रेप करने का प्रयास किया गया था और यह अपराध के परिणाम के निकट था।
सजा का आदेश
कोर्ट ने शिव प्रकाश को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है। यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज देगी। यह फैसला न केवल इस मामले के लिए बल्कि समाज में अन्य अपराधों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि न्याय का कोई समय सीमा नहीं होती।