उत्तराखंड के अस्पतालों का हाल तो हम सब जानते ही है। न जाने कितने गंभीर मामलो में अस्पताल प्रशाशन की लापरवाही आए दिन खबरों में नजर आती है। ऐसे ही पहाड़ी जिलों में अक्सर गर्भवतियों के केस सुनने में आते है, जहां सडक़ या वाहन न मिलने से बच्चे आधे रास्ते में ही जन्म जाते है। ऐसा ही कुछ मामला हरिद्वार में भी सामने आया है, जहां देर रात एक गरीब गर्भवती महिला ने सडक़ पर ही बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान बच्चे के पिता ने अपनी कमीज उतारकर बच्चे को ओढ़ाई।जिसके बाद जब एम्बुलेंस को फोन किया गया तो वह एक घंटे बाद पहुंची।
दरअसल मामला हरिद्वार के बिलकेश्वर रोड ब्लड बैंक के नजदीक का है। महिला का पति करता है। परिवार बिहार का रहने वाला है। बीतें दिन वीडियो वायरल होने पर मामला चर्चाओं में आया। रात करीब 2.30 बजे का है। एंबुलेंस के पहुँचने के बाद माँ और बच्चे को महिला राजकीय महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप निगम के अनुसार सुबह उन्होंने बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जिसमें वह बिल्कुल स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि बेहद गरीब परिवार के हैं । उनके पास कोई कागजात भी उपलब्द नहीं है। अस्पताल की ओर से बच्चे का वैक्सीनेशन आदि करा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक मजदूर परिवार का यह सातवां बच्चा है।
पहले भी ऐसे चोका देने वाले मामले सामने आए है जहाँ गर्भवती को बिस्तर न मिलने के कारण बच्चे को पार्क में या सड़क किनारे खुले मैदानों और असमान के निचे जन्म देना पड़ा है। लोगो द्वारा इसका विरोध भी किया गया है और इसके प्रति नाराज़गी भी जताई गयी है। इतना ही नहीं आए दिन प्रशासन भी इसके खिलाफ मुकदमा और सक्त कदम उठाने का भरोसा देती रहती है मगर लगातार प्रदेश में ऐसी घटनाओ से सरकार पर बड़े सवाल खड़े हो रहे है।