आवास विभाग आवासीय भवनों के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रणाली लागू करने जा रहा है। इससे होगा ये कि लोग आर्किटेक्ट के स्तर से ही नक्शा मंजूर करवा सकेंगे, इसके लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। औद्योगिक इकाइयों के लिए ये व्यवस्था पहले से लागू है। अब आवास विकास विभाग इस सुविधा को आवासीय भवनों के लिए भी लागू करने जा रहा है। फिलहाल मास्टर प्लान क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों का नक्शा पास कराने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन व्यवस्था लागू है। पिछली कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश सरकार ने सेल्फ सर्टिफिकेशन को हरी झंडी देते हुए औद्योगिक इकाइयों के लिए नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को आसान कर दिया था। इसमें निर्धारित लैंड यूज पर औद्योगिक इकाई के निर्माण के लिए किसी भी पंजीकृत आर्किटेक्ट से नक्शा मंजूर किया जा सकता है। आर्किटेक्ट को बिल्डिंग बायलॉज के तहत नक्शा बनाना होगा।
जिसकी स्क्रुटनी प्राधिकरण ऑनलाइन माध्यम से करेंगे। अब यही प्रणाली आवासीय भवनों के लिए लागू की जा रही है। नई व्यवस्था लागू होने से नक्शा पास कराने संबंधी कामों में प्राधिकरण के इंजीनियरों का हस्तक्षेप काफी कम हो जाएगा। आवास विभाग ने आर्किटेक्ट की चिंता को भी दूर कर दिया है। दरअसल सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रणाली को पहले भी लागू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसमें नियम विरुद्ध हुए निर्माण के लिए आर्किटेक्ट को जिम्मेदार बनाया गया था। यही वजह है कि आर्किटेक्ट डरे हुए थे। किसी दूसरे व्यक्ति के अवैध निर्माण के लिए खुद को जिम्मेदार बनाए जाने पर आर्किटेक्ट सहमत नहीं थे। अब विभाग ने स्वीकृत नक्शे के विपरीत हुए निर्माण के लिए भवन स्वामी को ही जिम्मेदार बनाने का निर्णय लिया है। सचिव आवास एनएस पांडेय ने बताया कि इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जल्द ही नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।