हाल ही में प्रदेश में बढ़ती बिजली की मांगो को देख सरकार ने इस के चलते अहम फैसला लिया है। जी हाँ अब प्रदेश में बिजली के दामो में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया गया है। दरअसल ऊर्जा निगम ने तीन महीने के लिए बिजली की दरें औसतन छह पैसे प्रति यूनिट बढ़ा दी हैं। कोयले के दाम बढ़ने से फ्यूल चार्ज में यह बढ़ोतरी की गई है। बिजली की बढ़ी हुई दरें जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने के बिल में लागू होंगी। बीपीएल उपभोक्ताओं को दो पैसे, घरेलू को पांच पैसे, व्यवसायिक, सरकारी ऑफिस को सात पैसे, निजी ट्यूबवेल को दो पैसे देने का निश्चित किया गया है।
साथ ही आपको बता दे की चोरी के मामलो में काबू पाने के लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में निदेशकों की संख्या कम कर दी गई है। निगम में अब केवल तीन निदेशक ही होंगे। इस संबंध में आदेश जारी हो गया है। ऊर्जा मंत्रालय के ताजा नियमों के हिसाब से यह बदलाव लागू हो रहे हैं। इन्हें लागू करने पर यूपीसीएल को केंद्र से 900 करोड़ से अधिक की सहायता मिलेगी। जिस कारण बिजली चोरी रोकने से लेकर लाइनलॉस को कम करने जैसे अहम काम होंगे।
सूत्रों के मुताबिक उद्योगों को सात पैसे, मिक्स लोड छह पैसे, रेलवे सात पैसे, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन को छह पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज अतिरिक्त रूप से देना होगा। इन नई दरों से घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में प्रति महीने दस रुपये से लेकर 20 रुपये तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा। बिजली दरें बढ़ाने की पुष्टि खुद एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने की है। इसके अलावा अनिल कुमार ने बताया कि सबसे पहले कॉमर्शियल और पांच किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा।