उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की गद्दी को लेकर चर्चाओं का सियासी बाज़ार गरमाया हुआ है जिसमे मुख्यमंत्री पद के लिए कई जाने-माने दावेदारों के नाम लिए जा रहे है। गुरुवार रात पार्टी के केन्द्रीय संसदीय बोर्ड ने भी चर्चा कर यह साफ़ कर दिया है कि उत्तराखंड का मुख्यमंत्री विधायको में से ही चुना जायेगा। ऐसे में अनिल बलूनी, अजय भट्ट, रमेश पोखरियाल निशंक, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत जैसे तमाम विधायको के नामो की चर्चा लगातार होती हुई नज़र आ रही है। वही दूसरी ओर खटीमा में अपनी ही सीट से हारे निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी पुन: मुख्यमंत्री बनना नामुमकिन सा नज़र आ रहा था लेकिन अब सियासी माहोल से यह बात भी निकल कर आ रही है कि पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद भी भाजपा मुख्यमंत्री के पद की कमान उनको सौंप सकती है।
यहाँ तक कि कुछ ऐसे विधायक है जो पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी भी सीट छोड़ने को तैयार है। उन विधायको के नाम शामिल किये जाये तो चंपावत से जीते कैलाश चंद्र गहतोड़ी और जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह मेहरा पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने को भी तैयार नज़र आ रहे है। उनका कहना है कि सिर्फ छह महीने के कार्यकाल में सरकार की छवि निखारने वाले मुख्यमंत्री धामी ने भाजपा को प्रदेश में बड़ी जीत दिलाई है। ऐसे नेता को प्रदेश की बागडोर पूरे पांच साल के लिए मिलनी चाहिए इसीलिए वह पुरे तन-मन से पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने को भी तैयार है।