
जोधपुर कमिश्नरेट के डांगियावास थाना क्षेत्र के सरनाडा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 32 वर्षीय स्कूल लेक्चरर संजू बिश्नोई ने शुक्रवार को अपनी मासूम 3 साल की बेटी यशस्वी को गोद में लेकर खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।
आग की चपेट में आकर मौके पर ही यशस्वी की जलकर मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से झुलसी संजू ने शनिवार को महात्मा गांधी अस्पताल के बर्न यूनिट में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस को मौके से पेट्रोल कैन और एक कथित सुसाइड नोट मिला है, जिसमें संजू ने पति और ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं।
10 साल पहले हुई थी शादी
संजू मूल रूप से फिटकासनी गांव की रहने वाली थी और राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरर के पद पर कार्यरत थी। उसका विवाह करीब 10 साल पहले दिलीप बिश्नोई से हुआ था, जो बीटेक सिविल इंजीनियर है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। यह रिश्ता आटा-साटा प्रथा के तहत हुआ था।
परिजनों का आरोप और पुलिस कार्रवाई
मृतका के पीहर पक्ष का कहना है कि संजू को लंबे समय से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। इसी प्रताड़ना से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पति दिलीप बिश्नोई, ससुराल पक्ष के गणपत बिश्नोई और लीला बिश्नोई के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गांव और परिवार में शोक
संजू के पिता ओमाराम बिश्नोई AEN पद पर कार्यरत हैं, उसका भाई JEN है और खुद संजू शिक्षिका थी। एक शिक्षित परिवार की बेटी और उसकी मासूम बच्ची की इस तरह की मौत से पूरा गांव स्तब्ध है।
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।