
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने सरकार की चुप्पी और उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, लेकिन सरकार सिर्फ तमाशा देख रही है।
“767 आत्महत्या – ये सिर्फ आंकड़ा नहीं, 767 टूटे हुए परिवार हैं”
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“सिर्फ 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली। ये सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि 767 उजड़े हुए घर हैं – ऐसे परिवार जो कभी नहीं संभल पाएंगे।”
उन्होंने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इन पीड़ाओं को देख रही है, लेकिन कोई कदम नहीं उठा रही। किसान लगातार कर्ज में डूबते जा रहे हैं – महंगे बीज, खाद, डीजल की मार झेल रहे हैं – लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कोई गारंटी नहीं है।
“अमीरों के कर्ज माफ, किसानों की अनदेखी”
राहुल गांधी ने दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा,
“जिनके पास हजारों करोड़ हैं, उनके लोन मोदी सरकार माफ कर देती है। लेकिन जब किसान मदद मांगते हैं, तो उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है।”
उन्होंने अनिल अंबानी का उदाहरण देते हुए लिखा,
“आज की ही खबर है – अनिल अंबानी का 48,000 करोड़ का SBI घोटाला। लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है।”
“किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा, लेकिन ज़िंदगी हो रही आधी”
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वादे को भी घेरा जिसमें उन्होंने किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी।
“हकीकत यह है कि किसानों की ज़िंदगी ही आधी हो रही है। सिस्टम ही धीरे-धीरे उन्हें खत्म कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह पीआर और प्रचार में व्यस्त है, जबकि देश का अन्नदाता संकट में है।
महाराष्ट्र में मचा बवाल
महाराष्ट्र में सिर्फ आत्महत्या ही नहीं, बल्कि सोयाबीन खरीद के भुगतान में देरी को लेकर भी विवाद चल रहा है। किसानों को उनकी उपज का पैसा समय पर नहीं मिल पा रहा, जिससे नाराजगी और विरोध बढ़ता जा रहा है। विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।