देहरादून- आपदा के इस समय मुख्मंत्री तीरथ सिंह रावत ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है की जो बच्चे इस महामारी के कारण अनाथ हुए है उन्हें 21 वर्ष होने तक 3000 रुपए महीना मिलेंगे, मतलब एक तरह से सरकार अनाथ हुए बच्चों का खर्चा उठाने को तैयार है. जिन घरों में माता-पिता का निधन हुआ है उनकी परेशानी हालाँकि कोई नहीं समझ सकता लेकिन यह एक तरह से उनके लिए काफी मदद हो जाएगी. जिससे की उन्हें किसी के आगे हाथ ना फैलाना पड़े.
कोविड-19 के संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खोकर अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की घोषणा की है।
योजना के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य के कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों को 21 वर्ष का होने तक उनके भरण पोषण, शिक्षा एवं रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 3000 रुपए भरण- पोषण भत्ता दिया जाएगा। इन अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति के लिए नियम बनाए जायेंगे कि, उनके वयस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा। यह जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण के कारण हुई है उन बच्चों को राज्य सरकार की सरकारी नौकरियों में 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में ऐसे बच्चों को भी प्रतिमाह 3000 रुपए का भरण -पोषण भत्ता दिया जायेगा। जिनके परिवार में कमाने वाला एकमात्र मुखिया था और जिनकी मृत्यु कोविड -19 संक्रमण से हुई हो।