देहरादून – उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, जो की उत्तराखंड लोकगीत के पहचान के तौर पर भी जाने जातें हैं, धामी सरकार केद्र से अनुरोध करेगी की उन्हें पद्म पुरूस्कार से सम्मानित किया जाये. हम जानतें है की जैसे जैसे प्रदेश के युवा उत्तराखंडी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं वैसे समय में लोकगीत के द्वारा संस्कृति सहेजना काफी जटिल कार्य हो जाता है. आज उत्तराखंड में चुनिन्दा लोकगायक ही मौजूद हैं जिन्हें उँगलियों पर गिना जा सकता है.
आपको बताते चलें की 12 अगस्त को लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी का जन्मदिन था जिस पर सीएम धामी ने दो पोस्ट कार डाली, पहली पोस्ट में लोकगायक को जन्मदिन की बधाई दी गयी वहीँ दूसरी पोस्ट में भी बधाई देते हुए कहा की पद्म पुरूस्कार के लिए केंद्र सरकार को अपनी संस्तुति प्रेषित की जाएगी.
प्रख्यात लोकगायक, लोकसंगीत के क्षेत्र में प्रेरणापुंज श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को जन्मदिन की हार्दिक एवं मंगल शुभकामनाएं। pic.twitter.com/XSBrBT6WxL
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 12, 2021
सीएम धामी ने कहा कि उनके गीत राज्यवासियों को अपनी परंपराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं और उन्होंने गढ़वाल, कुमाऊं तथा जौनसार सहित पूरे उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है जिससे राज्य की अलग पहचान बनी है। धामी ने नरेंद्र सिंह नेगी के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘सृजन से साक्षात्कार का विमोचन भी किया।
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक गायक एवं गीतकार श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के जन्म दिवस पर उनके जीवन दर्शन पर आधारित पुस्तक “सृजन से साक्षात्कार” का विमोचन किया। प्रदेश सरकार की ओर से श्री नेगी जी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने हेतु केन्द्र सरकार को अपनी संस्तुति प्रेषित की जाएगी। pic.twitter.com/W4uIdE8mhD
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 12, 2021
उन्होंने इस मौके पर नेगी सहित प्रदेश के अन्य लोक संस्कृति के रचनाकारों तथा लोक गायकों जैसे मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी ‘गिरदा’, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चंद्र सिंह राही के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर उन्हें पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्य सूचना विभाग या संस्कृति विभाग द्वारा किया जायेगा। वहीं, नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि समाज के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का उनका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका सदैव प्रयास रहा है कि अपने प्रदेश में रहकर अपने लोगों की दुश्वारियों और पीड़ा को समाज के सामने ला सकूं।