New Delhi: भारत के कई अमीर लोग देश छोड़ रहे हैं। हाल ही में ब्रिटेन की हेनले एंड पार्टनर्स फर्म ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भारत के 8 हजार करोड़पति भारत छोड़ कर दूसरे देशों में है बसने को तैयार। साथ ही इस रिपोर्ट के मुताबिक 2020 मैं 2019 की तुलना में 63% ज्यादा भारतीयों ने देश छोड़ने के लिए इंक्वायरी की। बात करें ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू रिपोर्ट की तो इसके मुताबिक भारत के कुल 2% करोड़पतियों ने 2020 में देश छोड़ दिया है।
देखा जाए तो सिर्फ भारत ही नहीं 7.60 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति वाले कई लोग अपने ही देश से हो रहे हैं मायूस। सूत्रों के मुताबिक रूस के 15 हजार करोड़पति इस साल के अंत तक दूसरे देशों में बस जाएंगे। साथ ही यह आंकड़ा देश में मौजूदा कुल ऐसे करोड़पतियों का 15 फीसदी हिस्सा है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में 5 से 6 हजार अमीरों ने देश छोड़ा, लेकिन अब 2021 में यह संख्या तेजी से बढ़ी है। हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के लोगों ने कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया, मालटा, तुर्की, यूएस और यूके में बसने की सबसे ज्यादा जानकारी जुटाई है। इसके लिए अमीर लोग भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए भी तैयार है। बात करें विदेशी देशों की तो रूस की बमबारी मैं तबाह यूक्रेन के 2800 करोड़पति साल के अंत तक देश छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जनसंख्या और अमीरों की औसत के अनुसार देखे तो यह आंकड़ा सबसे बड़ा है।
इसी बीच सवाल यह भी उठता है कि आखिर क्यों भारतीय लोग अपनी नागरिकता छोड़ दूसरे देशों में बसने के लिए है तैयार। सूत्रों के मुताबिक इसका सीधा जवाब बिजनेस की मुश्किल, हेल्थकेयर, प्रदूषण, टैक्स और संपत्ति के विवाद बताए जा रहे हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ से जमैका बसने वाले राजकुमार सबलानी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि भारत में अवसरों की कमियां है, राजनीतिक अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, प्रदूषण जैसी कई समस्याएं हैं जो लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर रही है। यही वजह से जमैका में अपना बिजनेस जमाना राजकुमार को ज्यादा लाभदायक लगा। हाल ही में जारी किए रिपोर्ट के अनुसार पारंपरिक रूप से दुनिया भर में अमीरों का पसंदीदा ठिकाना अमेरिका और ब्रिटेन रहा है। लेकिन अब यूएई करोड़पति प्रवासियों का नंबर एक पसंदीदा ठिकाना बन चुका है। यूएई इस साल इस दौड़ में सबसे आगे निकल सकता है, हाल ही में रिपोर्ट के अनुसार 4 हजार करोड़पति इस साल यहां बसने की तैयारी कर रहे हैं, जो बाकी अन्य देशों की तुलना में सबसे बड़ी संख्या है।