
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पंजाब पुलिस ने एक बड़ी जासूसी रोधी कार्रवाई में शनिवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि वे अमृतसर में भारतीय सैन्य ठिकानों की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को लीक कर रहे थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान पलक शेर मसीह और सुरज मसीह के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, ये दोनों अमृतसर सेंट्रल जेल में बंद हरप्रीत सिंह उर्फ पिट्टू उर्फ हैप्पी के ज़रिए ISI के संपर्क में थे। पुलिस का कहना है कि आरोपी अमृतसर की सेना छावनी और भारतीय वायुसेना अड्डे से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान भेज रहे थे।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी दिहाड़ी मजदूर हैं और नशे की लत के शिकार रहे हैं, हालांकि उनके खिलाफ इससे पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। पुलिस ने इनके पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है, जिसमें सेना की गतिविधियों और वायुसेना अड्डे की तस्वीरें मौजूद थीं।
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने पाकिस्तान में बैठे अपने संपर्कों को महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों की लोकेशन पहले ही भेज दी थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “जांच में बरामद यह मोबाइल डिवाइस अन्य सहयोगियों की पहचान में मदद कर सकता है। हम हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ करेंगे, ताकि उसके पाकिस्तान से संबंधों का खुलासा हो सके।”
पंजाब पुलिस के महानिदेशक गौरव यादव ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पलक शेर मसीह और सुरज मसीह, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में हैं और भारत के संवेदनशील सैन्य ठिकानों की जानकारी लीक कर रहे हैं। उन्होंने बताया, “दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके पास से बड़ी मात्रा में डाटा बरामद हुआ है। इनका एक और साथी हरप्रीत, इन्हें ISI से जोड़ने वाला लिंक था, जिसे हम जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाएंगे। उसके खिलाफ पहले से एक नशा तस्करी का मामला दर्ज है।”
SSP मनिंदर सिंह ने बताया कि जासूसी के इस मामले में एफआईआर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज की गई है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी छोटी जानकारी के लिए ₹5,000 और सेना की मूवमेंट जैसी संवेदनशील जानकारी के लिए ₹10,000 तक लेते थे। पुलिस ने इस मामले में भारी मात्रा में हथियार और RDX भी बरामद किए हैं।
SSP ने बताया, “पहले ये आरोपी सीमा से हेरोइन की खेप उठाते थे, अब उन्हें ऐसी संवेदनशील जानकारी जुटाने और पाकिस्तान को देने के लिए कहा गया था। ये भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी पाक एजेंटों को दे रहे थे, जिससे दुश्मन की साजिशें मजबूत हो रही थीं।”
DGP गौरव यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी कई महत्वपूर्ण खुलासे सामने आ सकते हैं। पंजाब पुलिस भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़ी है और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटेगी। हमारी सेना की सुरक्षा को कमजोर करने की किसी भी कोशिश पर सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।”