हाल ही में, तमिलनाडु प्रोड्यूसर्स काउंसिल (TNPC) ने एक महत्वपूर्ण चिट्ठी जारी की है, जिसमें थियेटर मालिकों से अनुरोध किया गया है कि वे यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को थियेटर के बाहर से प्रतिबंधित करें। यह कदम तब उठाया गया है जब सूर्या और बॉबी देओल की फिल्म ‘कंगुवा’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई है। इस चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि यूट्यूब चैनल जानबूझकर फिल्मों के खिलाफ नकारात्मकता फैलाते हैं, जिससे फिल्म के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
‘कंगुवा’ की असफलता
‘कंगुवा’ फिल्म का बजट लगभग 300 करोड़ रुपये था, लेकिन रिलीज के छह दिनों में यह केवल 59.90 करोड़ रुपये ही कमा सकी। यह आंकड़ा फिल्म की असफलता को दर्शाता है और प्रोड्यूसर्स की चिंता को और बढ़ा देता है। TNPC का मानना है कि यूट्यूबर्स की नकारात्मक समीक्षाएं इस असफलता का एक प्रमुख कारण हैं। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि ‘इंडियन 2’, ‘वेट्टैयन’, और अब ‘कंगुवा’ जैसी फिल्में यूट्यूबर्स के नकारात्मक रिव्यूज के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। प्रोड्यूसर्स का आरोप है कि यूट्यूबर्स जानबूझकर फिल्म की खामियों को उजागर करते हैं और इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं, जिससे दर्शकों का मनोबल टूटता है।
यूट्यूबर्स की भूमिका
TNPC ने अपनी चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि यूट्यूबर्स का काम केवल फिल्म की आलोचना करना नहीं है, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी से समीक्षा करनी चाहिए। चिट्ठी में कहा गया है, “आलोचना करने में कोई बुराई नहीं है। यदि पत्रकार इसे जिम्मेदारी से करते हैं तो यह अच्छी बात है। लेकिन अधिकतर यूट्यूबर्स व्यक्तिगत फायदे के लिए ‘नफरत’ फैलाने का काम करते हैं।”
प्रोड्यूसर्स ने यूट्यूबर्स पर आरोप लगाया है कि वे एक्टर्स और मेकर्स के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करते हैं, जो कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए हानिकारक है। इस स्थिति को देखते हुए, TNPC ने सभी संगठनों से एकजुट होने और इस प्रथा को रोकने का आग्रह किया है।
केरल में यूट्यूबर्स पर बैन
यह ध्यान देने योग्य है कि केरल देश का पहला राज्य है, जिसने थियेटर परिसर में यूट्यूब रिव्यूज पर बैन लगा रखा है। 2023 में ‘अरोमालिंटे अद्यथे प्राणायाम’ के डायरेक्टर मुबीन रऊफ ने इस मुद्दे पर अदालत में मामला दायर किया था। केरल हाई कोर्ट ने इस मामले में निर्देश जारी किया कि फिल्म की रिलीज के बाद सात दिनों तक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूब रिव्यू करने वालों को फिल्मों की ऑनलाइन समीक्षा करने से रोका जाए।
अदालत के निर्देश
केरल की अदालत ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को भी निर्देश दिया कि वे ऑनलाइन फिल्म रिव्यू करने वालों और व्लॉगर्स के लिए एक दिशा-निर्देश बनाने के लिए नोटिस जारी करें। यह कदम यूट्यूबर्स की नकारात्मक समीक्षाओं के प्रभाव को कम करने के लिए उठाया गया था।
प्रोड्यूसर्स का यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
फिल्म उद्योग की सुरक्षा
TNPC का यह कदम फिल्म उद्योग की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोड्यूसर्स का मानना है कि यूट्यूबर्स की नकारात्मक समीक्षाएं न केवल एक फिल्म की कमाई को प्रभावित करती हैं, बल्कि इससे फिल्म उद्योग की समग्र छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दर्शकों का मनोबल
यूट्यूबर्स द्वारा की जाने वाली नकारात्मक समीक्षाएं दर्शकों के मनोबल को प्रभावित करती हैं। जब दर्शक एक फिल्म के बारे में नकारात्मक बातें सुनते हैं, तो वे उसे देखने से हिचकिचाते हैं। इससे फिल्म की कमाई में कमी आती है, जो कि प्रोड्यूसर्स