
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों और सम्बद्ध कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट को मजबूत कर छात्रों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने का बड़ा लक्ष्य तय किया है। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सभी विश्वविद्यालयों को प्लेसमेंट सेल गठन के निर्देश दिए हैं, ताकि अंतिम वर्ष के छात्रों को उच्च पैकेज वाली नौकरियों से जोड़ा जा सके।
योजना का मकसद
इस योजना के तहत हर साल 10 हजार छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 1 लाख रुपये प्रति माह का रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय और सम्बद्ध कॉलेज में प्लेसमेंट सेल बनाए जाएंगे और छात्रों के लिए इंटरव्यू का आयोजन किया जाएगा।
विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री नहीं, रोजगार का केंद्र बनें
देहरादून में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर—शिक्षा संवाद के उद्घाटन के दौरान मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से हजारों युवाओं को रोजगार मिलने का जो मॉडल रहा है, उसे उच्च शिक्षा में भी लागू किया जाएगा। लक्ष्य है कि विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने वाले संस्थान न रहें, बल्कि रोजगार सृजन के केंद्र बनें।
एनईपी-2020 और गुणवत्ता सुधार पर जोर
शिविर के पहले दिन पांच सत्रों में एनईपी-2020 के क्रियान्वयन, कौशल आधारित शिक्षा, इंडस्ट्री-अकादेमिया लिंक, उद्यमिता और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने सुझाव साझा किए। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने उच्च शिक्षण संस्थानों से एनआईआरएफ रैंकिंग और नैक ग्रेडिंग में सुधार करने का आह्वान किया।
कैंपस प्लेसमेंट से सीधे रोजगार
शिविर में तय किया गया कि उत्तराखंड को उच्च शिक्षा में मॉडल स्टेट बनाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को जिम्मेदारी तय की जाएगी, ताकि बड़ी संख्या में छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए सीधे नौकरी मिल सके।
युवाओं के लिए अन्य प्रोत्साहन
उत्तराखंड सरकार राज्य के युवाओं को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 1 लाख रुपये भी देती है। इस योजना का लाभ केवल राज्य के स्थायी और मूल निवासी छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने 12वीं, स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाएं उत्तराखंड के शिक्षण संस्थानों से उत्तीर्ण की हों। आवेदन प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम आने के एक महीने के भीतर करना होगा।