
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हर साल लगने वाले सालार मसूद गाजी के उर्स मेले पर इस बार भी रोक जारी रहेगी। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले पर सुनवाई हुई, जहां अदालत ने मेला आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट के फैसले के बाद जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक जारी रहेगी।
प्रशासन ने नहीं दी मेला आयोजन की अनुमति
हर साल जेठ महीने में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर भव्य मेला लगता है, जो इस बार 15 मई से 15 जून तक आयोजित होना था। लेकिन जिला प्रशासन ने दरगाह प्रबंधन समिति को अनुमति नहीं दी। प्रशासन का कहना है कि दरगाह समिति के पास मेला आयोजित करने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी है, इसलिए आयोजन की इजाजत नहीं दी जा सकती। डीएम द्वारा जांच कराए जाने के बाद भी यही निष्कर्ष सामने आया, जिसके चलते मेला रद्द कर दिया गया।
हाईकोर्ट में मेला समिति ने लगाई थी गुहार
मेला आयोजन की अनुमति न मिलने पर दरगाह प्रबंधन समिति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। शुक्रवार को इस पर सुनवाई हुई, जिसमें जस्टिस ए.आर. मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने समिति को फिलहाल राहत नहीं दी। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है और दरगाह के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज भी पेश करने को कहा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
दरगाह की ऐतिहासिकता और अधिवक्ता की दलीलें
याची पक्ष की ओर से अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा ने दलील दी कि यह दरगाह ऐतिहासिक है और इसका निर्माण 1375 ईस्वी में फिरोजशाह तुगलक ने सालार मसूद गाजी की याद में करवाया था। उन्होंने बताया कि हर साल यहां एक महीने का उर्स आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस बार 15 मई से मेला शुरू होना था, लेकिन प्रशासन की अनुमति न मिलने के कारण आयोजन पर संकट खड़ा हो गया।
सुरक्षा के किए गए इंतजाम
प्रशासन की रोक के बाद दरगाह क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।