
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव में हाल ही में हुई एक अनोखी शादी ने पूरे इलाके का ध्यान खींचा। यहां की रहने वाली सुनीता चौहान ने एक साथ दो सगे भाइयों—प्रदीप नेगी और कपिल नेगी—से विवाह रचाया। यह विवाह पूरी सहमति और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ।
इस शादी की खास बात यह थी कि यह हाटी समुदाय की बहुपति परंपरा (Polyandry) के अनुसार हुई, जिसमें एक महिला एक से अधिक भाइयों की पत्नी बनती है। इस परंपरा का उद्देश्य परिवार की एकता बनाए रखना और पुश्तैनी संपत्ति के बंटवारे को रोकना होता है।
✦ दोनों भाइयों ने साझा निर्णय से निभाई परंपरा
प्रदीप नेगी, जो जल शक्ति विभाग में कार्यरत हैं, और उनके छोटे भाई कपिल, जो विदेश में नौकरी कर रहे हैं, दोनों ने मिलकर इस परंपरा को निभाने का फैसला लिया। प्रदीप ने कहा, “हमने मिलकर यह निर्णय लिया। यह रिश्ता आपसी समझ, देखभाल और जिम्मेदारी पर आधारित है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है।”
वहीं कपिल ने कहा, “मैं विदेश में हूं, लेकिन विवाह के जरिए हम अपनी पत्नी को स्थिरता और प्यार देने के लिए समर्पित हैं।”
✦ दुल्हन की रजामंदी और खुशी
दुल्हन सुनीता चौहान ने कहा, “यह मेरा खुद का फैसला था। मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं था। मैं इस परंपरा को जानती हूं और स्वेच्छा से इसे अपनाया है।”
शादी में सैकड़ों की संख्या में गांववाले और रिश्तेदार शामिल हुए। तीन दिन चले समारोह में पारंपरिक ट्रांस-गिरी व्यंजन परोसे गए और पहाड़ी लोकगीतों पर नृत्य कर लोगों ने उत्सव को और भी खास बना दिया।
✦ चुपचाप नहीं, खुलकर निभाई परंपरा
स्थानीय लोगों के अनुसार, सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र में अभी भी कई परिवार ऐसे हैं जहां एक पत्नी दो या तीन भाइयों के साथ रहती है। हालांकि आमतौर पर इस तरह की शादियां गुप्त रूप से होती हैं, लेकिन प्रदीप, कपिल और सुनीता की शादी को सार्वजनिक रूप से और गरिमा के साथ आयोजित किया गया, जो इसे विशेष बनाता है।
✦ सामाजिक और व्यावहारिक आधार पर बनी परंपरा
यह परंपरा सिर्फ सांस्कृतिक नहीं बल्कि व्यावहारिक आधार पर भी बनी है। पहले के समय में जब पुरुष मजदूरी या काम के लिए बाहर जाते थे, तब परिवार में एक पत्नी की व्यवस्था महिलाओं की सुरक्षा और परिवार की स्थिरता के लिए जरूरी मानी जाती थी।
अब जबकि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मिल चुका है, ऐसे परंपरागत सामाजिक ढांचे को पहचान और सम्मान मिलने लगा है।