उत्तराखंड में लगातार आए दिन पेपर लीक के मामले सामने आ रहे है। इसी के चलते आयोग ने कड़े कदम भी उठाये है। हाल ही में एसटीएफ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा का पेपर लीक करने वाले को गिरफ्तार कर लिया है। यह भी आयोग की आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन का ही कर्मचारी निकला। दरअसल आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में हुई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई।
इसी मामले में एसटीएफ द्वारा पकड़े गए आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन के कर्मचारी की जिम्मेदारी पेपर छपने के बाद सील करने की थी, मगर शातिर ने तीनों पालियों के एक-एक सेट को टेलीग्राम एप के माध्यम से अपने साथियों को भेज दिया। स्वुत्रों के मुताबिक इस काम के लिए उसे 36 लाख रुपये मिले थे। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी अभिषेक वर्मा जो की गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके मोबाइल से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को संकलित किया जा रहा है। इसके अलावा उसके अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। अभिषेक मूल रूप से सीतापुर के शेरपुर गांव का रहने वाला है। न्यायालय के आदेश पर फ़िलहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
इस मामले में रविवार को एसटीएफ ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को न्यायालय ने दो आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड भी मंजूर की थी, लेकिन इससे पहले ही एसटीएफ के रडार पर प्रिंटिंग प्रेस से जुड़ा कर्मचारी भी आ गया था। एसटीएफ के मुताबिक इस कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी पर अब नजर रखी जा रही है। अभिषेक वर्मा के बारे में पता चला था कि उसने हाल के दिनों बहुत बड़ी रकम खर्च की है। उसे मिले 36 लाख रुपये में से उसने नौ लाख रुपये की कार खरीदी। जिसके बाद साढ़े नौ लाख रुपये अपने मकान की मरम्मत में लगाए। तीन लाख रुपये मां के खाते में, डेढ़ लाख रुपये अपने भाई के और दो लाख रुपये अपने पिता के खातों में जमा कराए हैं। जबकि, सवाल यह उठा की उसकी कंपनी उसे केवल 21 हजार रुपये प्रतिमाह ही वेतन देती है।