किच्छा। किसान द्वारा अपनी धान की फसल में आग लगाने की घटना के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। मंगलवार को उप संभागीय खाद्य नियंत्रक लता मिश्रा ने किच्छा मंडी और दरऊ धान खरीद केंद्रों का औचक निरीक्षण कर खरीद प्रक्रिया की समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान लता मिश्रा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी किसान का धान मंडी में बिना तौले न रहे। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर किच्छा मंडी और दरऊ केंद्रों में पड़ा सारा धान तौल दिया जाएगा।
मिश्रा ने बताया कि सरकारी लिमिट पूरी हो जाने के बाद मंडी में करीब आठ खरीद केंद्रों पर लगभग दस हजार क्विंटल धान बिना तौले पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशासन शीघ्रता से इसे तुलवाने के प्रयास कर रहा है।
साथ ही उन्होंने मंडी अधिकारियों को निर्देशित किया कि मंडी गेट पर प्रवेश पर्ची अनिवार्य की जाए और उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों से आने वाले धान की ट्रॉलियों को प्रवेश न दिया जाए। उन्होंने कहा कि मंडी में केवल उत्तराखंड के किसानों का धान ही खरीदा जाएगा।
इस दौरान शांतिपुरी निवासी कांग्रेसी नेता गणेश उपाध्याय किसानों के साथ मंडी पहुंचे और धान की खरीद में देरी को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने लता मिश्रा से मुलाकात कर खरीद व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की।
निरीक्षण के दौरान मार्केटिंग इंस्पेक्टर सीमा रावत, ज्योति बोहरा, क्रय-विक्रय समिति एडीओ नवल शर्मा और एसएमओ ओम नारायण मिश्रा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें कि सोमवार को ग्राम दरऊ के किसान चंद्रपाल ने धान न बिकने से आहत होकर अपनी उपज में आग लगा दी थी। हालांकि, आसपास मौजूद किसानों ने आग को समय रहते बुझा दिया। चंद्रपाल की बेटी की शादी निकट है, और धान न तौले जाने से वे मानसिक रूप से परेशान थे।