
तेलंगाना के तेजतर्रार नेता और कट्टर हिंदुत्व के पैरोकार टी राजा सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने एक बड़ा बयान दिया, जिसमें अपनी मजबूरी, चिंताएं और पार्टी के भविष्य को लेकर गहरी चिंता जाहिर की।
राजा सिंह ने कहा, “मेरे ऊपर कई केस हैं, मुझे रोजाना धमकियां मिलती हैं। मेरे बच्चों की पढ़ाई घर पर ही ट्यूशन से हो रही है, परिवार भी खतरे में है। मेरे विरोधी इसलिए घबराते थे क्योंकि मेरे पीछे बीजेपी का नाम था। लेकिन अब पार्टी की हालत देखकर लगा कि चुप रहना और जुड़ा रहना पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए खुद को अलग करने का फैसला लिया।”
पार्टी नेतृत्व से नहीं, बल्कि फैसलों से नाराज़
टी राजा सिंह ने साफ किया कि उनकी नाराजगी पार्टी या नेतृत्व से नहीं है, बल्कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर है। उन्होंने कहा, “रामचंदर राव से कोई निजी विरोध नहीं है, वो पढ़े-लिखे और सभ्य इंसान हैं। लेकिन उनसे पार्टी को सत्ता तक नहीं पहुंचाया जा सकता। मैं पार्टी को कमजोर होते नहीं देख सकता, इसलिए इस्तीफा दिया है।”
पार्टी से बाहर रहकर भी करेंगे समर्थन
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी से बाहर रहने के बावजूद वे भाजपा नेतृत्व और विचारधारा के साथ हैं। “मैं मोदी जी, अमित शाह जी और योगी जी का प्रचार करता रहूंगा। मैं विरोधी नहीं, समर्थक हूं। देश, धर्म और गौरक्षा के लिए जीवन भी समर्पित कर दूं, तो भी पीछे नहीं हटूंगा।”
कौन हैं टी राजा सिंह?
टी राजा सिंह, जिन्हें ‘टाइगर राजा सिंह’ के नाम से भी जाना जाता है, तेलंगाना बीजेपी का सबसे कट्टर हिंदुत्व चेहरा रहे हैं। हैदराबाद की गोशामहल सीट से वे तीन बार विधायक रह चुके हैं – 2014, 2018 और 2023 में। भीड़ खींचने की जबरदस्त क्षमता और आक्रामक भाषणों की वजह से वे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।
उनका जन्म 15 अप्रैल 1977 को हैदराबाद के धूलपेट इलाके में हुआ था। लोधी समुदाय से आने वाले राजा सिंह अपनी हिंदू राष्ट्रवादी सोच और गौरक्षा के समर्थन के लिए जाने जाते हैं।
इस्तीफे के पीछे की असली वजह
बीजेपी ने हाल ही में तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर रामचंदर राव को जिम्मेदारी सौंपी है। राजा सिंह का मानना है कि पार्टी को अब आक्रामक, जमीनी और जनभावनाओं से जुड़े नेता की जरूरत है, जो चुनावी लड़ाई में जीत दिला सके। इसी असहमति के चलते उन्होंने संगठन से खुद को अलग करने का निर्णय लिया।