
उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में दशहरा कार्यक्रम के दौरान उस समय लोगों की सांसें थम गईं जब रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशाल पुतले दहन से पहले ही धराशायी हो गए। अचानक बदले मौसम—तेज हवाओं और बारिश—ने सारी तैयारियों को पलभर में ध्वस्त कर दिया। सौभाग्य से इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
मौसम ने डाली खेल पर पानी
गांधी पार्क मैदान में हर साल की तरह इस बार भी हजारों की भीड़ रावण दहन देखने जुटी थी। रामपुर से आई विशेषज्ञ टीम ने 65 फीट ऊंचा रावण और 60-60 फीट के कुंभकरण व मेघनाद के पुतले तैयार किए थे। लेकिन दोपहर में चली तेज हवाओं ने तीनों पुतलों को गिरा दिया। कुछ का सिर अलग हुआ तो कुछ का पूरा ढांचा बिखर गया।
हजारों दर्शक सकते में
पुतले गिरते ही मैदान में मौजूद लोग घबरा गए, हालांकि घटना के समय कोई नजदीक नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया। लोग एक-दूसरे को सांत्वना देते नजर आए और शुक्र मनाया कि नुकसान केवल ढांचों तक सीमित रहा।
आयोजन समिति ने किया भरोसा
समिति सदस्य हरीश अरोड़ा ने बताया कि मौसम की मार से जरूर पुतलों को नुकसान हुआ है, लेकिन दर्शकों को निराश नहीं किया जाएगा। वैकल्पिक इंतज़ाम किए जा रहे हैं और शाम को रावण दहन हर हाल में होगा।
तीन महीने की मेहनत, लाखों का खर्च
विशेषज्ञ टीम ने इन पुतलों को तैयार करने में तीन महीने लगाए और करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए। अब समिति की आपात बैठक चल रही है, ताकि शाम तक टूटी संरचना को ठीक कर या छोटे पुतलों की व्यवस्था कर उत्सव संपन्न किया जा सके।
गांधी पार्क मैदान में मौजूद लोग भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि वर्ष का यह सबसे बड़ा प्रतीकात्मक आयोजन आखिरकार संपन्न हो।