
भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता अब अंतिम मोड़ पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की 90 दिन की मोहलत अब खत्म होने जा रही है, लेकिन दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक समझौता नहीं हो सका है।
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पीयूष गोयल चाहे जितना भी अपनी छाती पीट लें, लेकिन याद रखिए, मोदी ट्रंप की टैरिफ समयसीमा के आगे झुक जाएंगे।”
क्या है मामला?
2 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसे बातचीत के लिए 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था। अब यह समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।
राहुल गांधी की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत केवल उसी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेगा जिसमें भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र के हितों की रक्षा हो।
किन मुद्दों पर अटका है समझौता?
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अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का, सोयाबीन और डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्क कम करे।
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भारत इस मांग का विरोध कर रहा है, खासकर 80 मिलियन लोगों को रोजगार देने वाले डेयरी सेक्टर को लेकर।
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दूसरी ओर, भारत चाहता है कि अमेरिका कपड़ा, चमड़ा, रत्न-जड़ित वस्तुएं और रसायन जैसे क्षेत्रों में भारतीय उत्पादों को ज्यादा बाजार पहुंच दे।
भारत के मुख्य वार्ताकार विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों से कई दिन तक बातचीत करते रहे, लेकिन गतिरोध बरकरार है।
गोयल का स्पष्ट रुख
एक हालिया कार्यक्रम में बोलते हुए पीयूष गोयल ने दोहराया, “भारत किसी समय सीमा या दबाव के आधार पर समझौता नहीं करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह सौदा तभी होगा जब यह दोनों देशों के लिए लाभकारी हो और भारत के हितों की पूरी रक्षा हो।
ट्रंप की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी भारत को ‘टैरिफ किंग’ कह चुके हैं और भारत पर आयात शुल्क का दुरुपयोग करने का आरोप लगा चुके हैं। अब जब समयसीमा बस कुछ ही दिन दूर है, यह देखना अहम होगा कि भारत और अमेरिका इस कूटनीतिक टकराव को कैसे सुलझाते हैं।