
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। वहीं, अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की 90 दिन की मोहलत अब खत्म होने की कगार पर है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।
राहुल गांधी का तीखा हमला
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “पीयूष गोयल जितना भी दावा कर लें, लेकिन याद रखिएगा, मोदी सरकार ट्रंप की टैरिफ डेडलाइन के सामने झुक जाएगी।”
राहुल गांधी का यह बयान तब आया है जब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत तभी व्यापार समझौता करेगा जब देश के कृषि और डेयरी सेक्टर के हितों की पूरी तरह रक्षा होगी।
क्यों फंसी है वार्ता?
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अमेरिका चाहता है कि भारत मक्का, सोयाबीन और डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्क कम करे।
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भारत ने घरेलू किसानों और डेयरी उद्योग के हित में यह मांग ठुकरा दी है।
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वहीं भारत की ओर से अमेरिका से मांग की गई है कि वह कपड़ा, गहने, चमड़ा और रसायन जैसे श्रमिक-प्रधान क्षेत्रों में भारतीय उत्पादों को अधिक बाजार दे।
इस सिलसिले में राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वाशिंगटन में कई दौर की बैठकें कीं, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी।
गोयल की दो टूक
पीयूष गोयल ने दिल्ली में एक व्यापारिक सम्मेलन में कहा, “भारत किसी भी दबाव, समय सीमा या शर्तों के आधार पर समझौता नहीं करेगा। अगर यह सौदा हमारे हितों की रक्षा करता है, तभी भारत आगे बढ़ेगा।”
ट्रंप की आक्रामक नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को पहले ही ‘टैरिफ किंग’ कह चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर अनावश्यक रूप से भारी शुल्क लगाता है। 2 अप्रैल को उन्होंने भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसे बातचीत के लिए 90 दिनों तक टाल दिया गया था। अब यह समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।