
वायनाड—कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने शनिवार को वायनाड में आयोजित एक कार्यक्रम में चुनावी पारदर्शिता और मतदाता सूचियों से जुड़ी कथित अनियमितताओं को लेकर नई बहस छेड़ दी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस मामले के ठोस सबूत हैं, जिन्हें उन्होंने मजाकिया अंदाज में “हाइड्रोजन बम” कहा, जो पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर देगा।
राहुल ने कहा, “हमारे पास स्पष्ट प्रमाण हैं और मैं बिना सबूत के कुछ भी नहीं बोलता। जो भी हुआ है, वह सार्वजनिक होगा।” उन्होंने बताया कि पार्टी ने पहले भी महादेवपुरा और आलंद के मतदाता सूची मामलों में ठोस काले-सफेद सबूत पेश किए हैं और आगे भी ऐसे प्रमाण साझा किए जाएंगे।
चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि आयोग ने “वोट चोरों” की सुरक्षा की है। उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से छह हज़ार मतदाताओं के नाम हटाए जाने का उदाहरण दिया और इसे गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में सीआईडी भी जांच कर रही है और मोबाइल नंबरों के जरिए कथित वोट चोरी की जानकारी मांगी गई है।
इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि ऑनलाइन किसी भी व्यक्ति द्वारा मतदाता नाम हटाना संभव नहीं है और आलंद में किसी मतदाता का अनुचित रूप से नाम हटाए जाने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। आयोग ने कहा कि सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और आरोपों की जांच की जाएगी।
राहुल गांधी ने वायनाड के स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेकर वहां के लोगों के साथ अपने जुड़ाव का भी इज़हार किया। उन्होंने कहा कि जब उन पर हमला हुआ, वायनाड के लोगों ने उनका समर्थन किया। साथ ही उन्होंने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की विनम्रता की भी प्रशंसा की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में, कांग्रेस ने भविष्य में साक्ष्य सार्वजनिक करने का ऐलान किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी अवैध कार्रवाई की जांच नियमों के अनुसार होगी। सीआईडी और अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई के आधार पर मामले में आगे की पहल संभव है।