
ब्रासीलिया। ब्रासीलिया पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. वहां मौजूद भारतीय समुदाय ने पारंपरिक अंदाज में उनका अभिनंदन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारतीयों से मुलाकात कर बातचीत की. यहां का माहौल उत्सव जैसा नजर आया. वीडियो में नजर आ रहा है कि पीएम मोदी के पहुंचते ही वहां भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे. इसके बाद लोगों ने मोदी–मोदी के नारे भी लगाए.
भारतीयों से मुलाकात, माहौल बना उत्सव जैसा
ब्रासीलिया एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत पारंपरिक नृत्य, गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से हाथ मिलाए, बातें कीं और उनके प्रेम व समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। वहां का माहौल किसी उत्सव से कम नहीं था।
#LIVE | प्रधानमंत्री @narendramodi का ब्रासीलिया में पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया
आचार्य जोनास मसेट्टी और उनके साथियों ने शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया, साथ ही ब्राजील के अमेज़ॅन वर्षावनों के मूल निवासियों द्वारा स्थानीय मंत्रों का उच्चारण किया गया… pic.twitter.com/mWza2g7ajO
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) July 7, 2025
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा किए पल
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर स्वागत की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा:
Landed in Brasilia a short while ago. The Indian community accorded a memorable welcome, once again highlighting how passionate our diaspora is and how connected they remain with their roots. pic.twitter.com/y8dHxo3nUf
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
“अभी-अभी ब्रासीलिया पहुंचा हूं। भारतीय समुदाय ने जिस आत्मीयता से स्वागत किया, वह अविस्मरणीय है। यह दिखाता है कि दुनियाभर में बसे भारतीय अपनी जड़ों से कितने भावनात्मक रूप से जुड़े हैं।”
संगीत से हुआ स्वागत, सांबा-रेगे की गूंज
Landed in Brasilia a short while ago. The Indian community accorded a memorable welcome, once again highlighting how passionate our diaspora is and how connected they remain with their roots. pic.twitter.com/y8dHxo3nUf
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
ब्रासीलिया एयरपोर्ट पर ‘बटाला मुंडो बैंड’ द्वारा पारंपरिक अफ्रीकी-ब्राजील धुनों से पीएम मोदी का स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि यह सांबा-रेगे जैसी सांस्कृतिक विधाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रशंसनीय प्रयास है।