प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जापान गए हुए हैं। जब सम्मेलन के बाद रविवार शाम पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, तो कुछ अलग ही चौंकाने वाली तस्वीर देखने को मिली। दरअसल, जैसे ही पीएम मोदी हवाईअड्डे पर पहुंचे तो वहां के पीएम जेम्स मरापे ने उनके पैर छूकर उनका स्वागत किया। इतना ही नहीं भारत के पीएम को एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं जेम्स मरापे, जिन्होंने भारतीय पीएम के स्वागत के लिए अपनी एक और महत्वपूर्ण परंपरा तोड़ी है।
सबसे पहले उस परंपरा के बारे में जानते हैं, जो मारेप द्वारा तोड़ी गई है। दरअसल, पापुआ न्यू गिनी में नियम है कि वहां पर सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता, लेकिन पीएम मोदी के पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी वो पहले शख्स हैं, जिनके लिए इस देश ने अपनी पुरानी परंपरा को तोड़ा है।
अब एक नजर जेम्स मरापे पर भी-
पीएम जेम्स मरापे का जन्म सन् 1971 में हेला प्रांत के टारी में हुआ था।
उन्होंने पीएनजी हाइलैंड्स में मिंज प्राइमरी स्कूल और कबीउफा एडवेंटिस्ट सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की।
इसके बाद सन् 1993 में पापुआ न्यू गिनी विश्वविद्यालय से कला में स्नातक किया।
इतना ही नहीं जेम्स मरापे ने साल 2000 में पर्यावरण विज्ञान में स्नातकोत्तर ऑनर्स की डिग्री ली।
पढ़ाई को लेकर वह शुरू से ही गंभीर थे। उन्होंने स्नातकोत्तर करने के बाद बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर किया।
वहीं, पढ़ाई के साथ साथ उन्होंने काम भी करना शुरू कर दिया था। साल 1994 से 1995 तक वह पीएनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च, टारी शाखा में प्रभारी अधिकारी थे।
1996 से 1998 तक उन्होंने हिड्स गैस परियोजना में जीडीसी के संचालन प्रबंधक के रूप में काम किया।
साल 2001 से 2006 तक कार्मिक प्रबंधन विभाग के नीति सहायक सचिव बने। साथ ही अंतर-सरकारी संबंधों पर संसदीय रेफरल समिति का हिस्सा भी रहे।
मरापे ने पहली बार पीपुल्स प्रोग्रेस पार्टी के लिए 2002 के चुनाव में टारी-पोरी सीट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, बाद में व्यापक हिंसा के कारण दक्षिणी हाइलैंड्स प्रांत में मतदान रद्द कर दिया गया था।
उन्होंने 2019 में पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और फिर पंगु पाटी में शामिल हो गए।
जेम्स मरापे मई 2019 में पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री बने थे, तबसे वह इस पद पर कार्यरत हैं।
बताया जाता है कि साल 2020 में, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उनकी सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया गया था।
वह द्वीप राष्ट्र के 8वें प्रधान मंत्री हैं और अतीत में सरकारों में कई महत्वपूर्ण कैबिनेट पदों पर रहे हैं।
52 वर्षीय मरापे ने पहली बार अपनी परंपरा तोड़ी है। उन्होंने दुनिया के किसी अन्य नेता के लिए ऐसा नहीं किया है।