
देहरादून, 11 जुलाई 2025 — उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुरुवार को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ ने देहरादून में पहले ही दिन असर दिखाया। पुलिस ने साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों को ठगने वाले 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तार लोगों में एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जिसे विदेशी अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है।
क्या है ‘ऑपरेशन कालनेमि’?
इस अभियान का उद्देश्य धार्मिक वेश में घूम रहे ऐसे पाखंडी लोगों की पहचान करना है, जो जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ कर ठगी जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को रामायण के कालनेमि असुर से जोड़ते हुए नाम दिया, जो साधु का वेश धरकर हनुमान जी को भ्रमित करने निकला था।
दून पुलिस की बड़ी कार्रवाई
एसएसपी अजय सिंह ने अभियान की खुद कमान संभाली और नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में कई संदिग्ध बाबाओं से पूछताछ की। अधिकतर फर्जी बाबाओं के पास न तो ज्योतिष शास्त्र का कोई प्रमाण था और न ही उनके पास अपने पेशे से जुड़ी कोई वैध जानकारी थी। पुलिस ने सभी को 170 बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में शामिल:
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रूकन रकम, निवासी ढाका, बांग्लादेश
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अनिल गिरि (हिमाचल), अर्जुन दास (असम), मंगल सिंह, राहुल जोशी, सलीम (देहरादून)
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रामकुमार, प्रदीप, कोमल कुमार, अश्विनी कुमार (उत्तर प्रदेश)
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मोहन जोगी, हरिओम योगी, नवल सिंह, गिरधारीलाल (राजस्थान)
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रामकृष्ण, शौकी नाथ (हरियाणा) सहित अन्य राज्य के ढोंगी
कैसे करते थे ठगी?
ये लोग साधु बनकर महिलाओं और युवाओं को निजी समस्याओं का समाधान बताने के बहाने बहकाते, और फिर धीरे-धीरे उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित कर उनसे पैसे वसूलते या अन्य धोखाधड़ी करते थे।
एलआईयू और आईबी कर रही जांच
बांग्लादेशी नागरिक से एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की टीमें पूछताछ कर रही हैं। उसके भारत में रहने और गतिविधियों को लेकर जांच की जा रही है।
कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी
एसएसपी अजय सिंह ने साफ किया कि ‘ऑपरेशन कालनेमि’ एक सतत अभियान है और भविष्य में भी ऐसे पाखंडी साधुओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे लोगों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें।