
यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जानी थी, लेकिन अब यह सजा फिलहाल के लिए टाल दी गई है। यह राहत केरल के ग्रैंड मुफ्ती शेख कांथापुरम एपी अबूबकर मुस्लियार के हस्तक्षेप के बाद मिली है। उन्होंने यमन के इस्लामी विद्वानों से संपर्क कर पीड़ित परिवार से माफ़ी की बातचीत शुरू करवाई है।
इस्लामी कानून के तहत माफी की संभावना
ग्रैंड मुफ्ती अबूबकर मुस्लियार ने बताया कि इस्लामी कानून के अनुसार, पीड़ित परिवार को यह अधिकार होता है कि वह हत्यारे को माफ कर सके। इसी आधार पर उन्होंने यमन के इस्लामी विद्वानों से मदद मांगी और उन्हें पीड़ित परिवार से संपर्क करने के लिए कहा। उनका मानना है कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो मानवता और क्षमा को प्राथमिकता देता है।
यमन के विद्वानों से हुई बातचीत
मुफ्ती के अनुरोध पर यमन के धार्मिक विद्वानों ने पीड़ित परिवार से बातचीत की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे इस मामले में हरसंभव कोशिश करेंगे। फांसी की तारीख टलने के बाद, अब इस बातचीत को आगे बढ़ाने का मौका मिल गया है।
केंद्र सरकार को दी जानकारी
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ग्रैंड मुफ्ती ने बताया कि उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भी इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी है। उन्होंने एक पत्र भेजा है जिसमें यमन सरकार की तरफ से फांसी की सजा स्थगित करने की पुष्टि की गई है। इस पत्र में अरबी भाषा में लिखा है कि 16 जुलाई को होने वाली सजा को अगली सूचना तक रोक दिया गया है।
हत्या के आरोप में मिली थी सजा
निमिषा प्रिया, केरल की रहने वाली एक नर्स हैं, जिन्हें अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। साल 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी और 2023 में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने उनकी माफी याचिका खारिज कर दी थी। अब स्थानीय जेल अदालत ने इसे बातचीत के चलते अस्थायी रूप से टाल दिया है।
क्या बच पाएंगी निमिषा?
अब सबकुछ पीड़ित परिवार की माफी पर निर्भर है। अगर वे निमिषा को माफ कर देते हैं, तो उनकी जान बच सकती है। ग्रैंड मुफ्ती और यमन के विद्वानों की कोशिशें इसी दिशा में चल रही हैं।