
राहुल गांधी की राजनीतिक यात्रा अब एक नया रंग ले रही है। कभी “कमज़ोर” और “नासमझ” कहे जाने वाले राहुल आज ज़मीन से जुड़े, मुखर और भरोसेमंद नेता के तौर पर उभर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा से लेकर संसद में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका और बिहार की वोट अधिकार यात्रा तक—हर कदम पर वे जनता के मुद्दों को सीधे उठाते दिख रहे हैं।
मूड ऑफ द नेशन सर्वे का बड़ा संकेत
इंडिया टुडे-सी वोटर का मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे (1 जुलाई–14 अगस्त 2025) में 2 लाख से ज़्यादा लोगों की राय शामिल की गई। इसमें जनता ने साफ कहा कि राहुल गांधी अब विपक्ष के सबसे बड़े और मजबूत चेहरे हैं।
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INDIA ब्लॉक की पसंद – 28% लोगों ने राहुल गांधी को गठबंधन का नेता मानने की बात कही। जबकि ममता बनर्जी (8%), अखिलेश यादव (7%) और अरविंद केजरीवाल (6%) काफी पीछे रहे।
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नेता प्रतिपक्ष का काम – 28% ने राहुल के प्रदर्शन को “बहुत अच्छा” और 22% ने “अच्छा” बताया। यानी आधी जनता उनसे संतुष्ट है।
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कांग्रेस का चेहरा – 38% ने माना कि कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी ही करें। सचिन पायलट (16%) और खड़गे (12%) उनके सामने बहुत पीछे दिखे।
कांग्रेस और विपक्ष की स्थिति
सर्वे में 47% लोगों ने कांग्रेस के कामकाज को अच्छा बताया और 66% ने उसे असली विपक्षी पार्टी माना। वहीं, 63% लोग चाहते हैं कि INDIA ब्लॉक आगे भी जारी रहे। यानी विपक्ष की एकता पर भरोसा अभी भी कायम है।
राहुल गांधी की नई छवि
कभी जिनके भाषण मीम और मज़ाक का विषय बनते थे, वही राहुल आज संसद में चुनावी धांधली और SIR जैसे मुद्दों पर आक्रामक तेवर दिखा रहे हैं। यही मुखरता अब उनकी पहचान बदल रही है और उन्हें एक ज़िम्मेदार नेता बना रही है।
बीजेपी के लिए संकेत
बीजेपी सर्वे में अब भी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन फरवरी 2025 की तुलना में उसकी सीटें 281 से घटकर 260 रह गई हैं। यह कमी बताती है कि राहुल और विपक्ष का बढ़ता असर बीजेपी के लिए सिरदर्द बन सकता है।