
हरियाणा के समसपुर गांव के रहने वाले सेना के जवान मनोज फोगाट पंजाब बॉर्डर पर गोली लगने से शहीद हो गए। जैसे ही शहादत की खबर गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। गांव में चूल्हा तक नहीं जला और शहीद के घर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी।
34 वर्षीय मनोज फोगाट, पुत्र रणबीर सिंह, पंजाब के कपूरथला में ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे। बीते 4 मई को ही वे छुट्टी खत्म कर ड्यूटी पर लौटे थे। कुछ ही दिनों बाद उनकी शहादत की खबर आई। शनिवार सुबह सेना मुख्यालय से मनोज की शहादत की सूचना परिवार को दी गई। कुछ ही देर में उनका पार्थिव शरीर गांव समसपुर पहुंच गया, जहां नम आंखों से पूरे गांव ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
इकलौता बेटा था परिवार का सहारा
मनोज के पिता, भाई और बहन पहले ही इस दुनिया से जा चुके हैं। वे परिवार में इकलौते बेटे थे और घर की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। साल 2011 में उन्होंने भारतीय सेना जॉइन की थी। मनोज बीए पास थे और परिवार का गौरव माने जाते थे।
छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ गए पीछे
मनोज फोगाट अपने पीछे पत्नी रेखा, 8 साल की बेटी और 6 साल के बेटे को छोड़ गए हैं। मां संतोष देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने बेटे की शहादत पर गर्व जताते हुए कहा, “मेरे बेटे ने मेरा दूध लजाया नहीं, उसने देश के लिए बलिदान देकर परिवार और गांव का नाम ऊंचा किया है।”
गांव में गमगीन माहौल
शहीद की खबर मिलते ही समसपुर गांव में मातम पसर गया। लोगों ने अपने-अपने घरों में चूल्हा तक नहीं जलाया। गांव के बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी की आंखें नम हैं। गांव का हर कोना इस वीर सपूत की वीरता और बलिदान की कहानी सुना रहा है।
शहीद मनोज फोगाट को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।