रुद्रपुर। किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने जिले में धान खरीद व्यवस्था को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से एक क्विंटल धान खरीदने पर 150 रुपये तक की रिश्वत ली जा रही है और तीन किलो से अधिक धान की अनुचित कटौती की जा रही है। उनका कहना है कि अगर सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए तो एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।

शनिवार को मीडिया से बातचीत में बेहड़ ने कहा कि धान खरीद के नाम पर जिलेभर में खुलेआम मनमानी चल रही है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए किसानों के अधिकारों पर डाका डाला है। उन्होंने कहा कि गन्ना खरीद शुरू हुए एक महीना हो चुका है, लेकिन अभी तक किसानों के लिए रेट घोषित नहीं किए गए हैं। वहीं, सरकार अवैध कॉलोनियों और सरकारी जमीनों पर तोड़फोड़ तो कर रही है, मगर पुनर्वास की कोई ठोस योजना नहीं बना पा रही है। जो योजनाएं तैयार की जा रही हैं, उनमें भी भेदभाव किया जा रहा है। बेहड़ ने मांग की कि जमरानी बांध प्रभावितों की तर्ज पर हर प्रभावित परिवार को उचित पुनर्वास दिया जाए।
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए विधायक बेहड़ ने कहा कि प्रदेश में अधिकारी निरंकुश हो गए हैं। सड़कों की गुणवत्ता बेहद खराब है—बनते ही टूटने लगती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सड़कों पर खर्च कम और अधिकारियों की जेब में पैसा ज्यादा जा रहा है। एक अधिकारी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि उन्हें ज़मीनों की सही जानकारी तक नहीं है।
बेहड़ ने कहा कि एन.डी. तिवारी के कार्यकाल में मंत्री अपने कार्यालयों में बैठकर जनता की सुनते थे, लेकिन आज के मंत्री अपने आवास से ही शासन चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी.बी. पंत विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है, जिसके विरोध में वे 17 नवंबर को विश्वविद्यालय परिसर में 24 घंटे का उपवास करेंगे।
बंगाली समाज को मिले हक:
विधायक बेहड़ ने कहा कि देश के आठ राज्यों में रहने वाले बंगालियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जा चुका है, तो ऊधमसिंहनगर के बंगाली समाज को यह अधिकार क्यों नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कहना गलत है कि “दर्जा खैरात में नहीं दिया जा सकता।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बंगाली समाज के साथ मिलकर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी।