ISI के हनी ट्रैप में फंसा कैथल का युवक, ‘मैडम X’ के जरिए करवाई जा रही थी जासूसी – देवेंद्र ढिल्लों का कबूलनामा

हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किए गए देवेंद्र सिंह ढिल्लों ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने हनी ट्रैप में फंसाया और धीरे-धीरे जासूसी के काम में धकेल दिया। देवेंद्र ने माना कि वह इस जाल में ‘मैडम X’ नाम की महिला एजेंट के जरिये फंसा, जिसने पहले भी कई भारतीय युवाओं को निशाना बनाया है।
करतारपुर यात्रा के दौरान हुआ संपर्क
देवेंद्र ने बताया कि वह करीब 3000 श्रद्धालुओं के साथ करतारपुर कॉरिडोर गया था, जिसमें 125 लोग हरियाणा से थे। इस दौरान बाघा बॉर्डर पर उसकी मुलाकात ‘विक्की’ नाम के एक पाकिस्तानी युवक से हुई, जिसने उसे लाहौर घुमाया और पूजा करवाने में मदद की। वहीं विक्की ने उसे अपने दोस्त अरसलान से मिलवाया।
होटल में हुई ‘मैडम X’ से मुलाकात
अरसलान के साथ होटल में एक महिला भी थी, जिसकी देवेंद्र से बातचीत हुई और दोनों ने नंबर व सोशल मीडिया आईडी साझा की। बाद में दोनों शॉपिंग पर भी गए। भारत लौटने के बाद उस महिला ने देवेंद्र को इंस्टाग्राम पर ब्लॉक कर दिया। इसी बीच विक्की ने देवेंद्र से कहा कि एक भारतीय QR कोड पर ₹1500 भेज दो, जिससे एक गरीब की मदद होगी। देवेंद्र ने रकम भेज दी।
सिम कार्ड की मांग से खुलने लगी परतें
कुछ समय बाद विक्की ने देवेंद्र से एक भारतीय सिम कार्ड की व्यवस्था करने को कहा। अब एजेंसियां उस नंबर की जांच कर रही हैं, यह जानने के लिए कि उसका इस्तेमाल कहां और किसके द्वारा किया गया।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
11 मई को गुहला थाने में एक सिक्योरिटी एजेंट ने शिकायत दर्ज कराई कि देवेंद्र ने फेसबुक पर अवैध हथियारों के साथ फोटो डाली है। 13 मई को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और पूछताछ के लिए दो दिन का रिमांड लिया। इसी दौरान उसके मोबाइल से पाकिस्तान को भेजी गई संवेदनशील जानकारियों के सबूत मिले, जिसके बाद उसे आधिकारिक रूप से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
ISI की साजिश में ‘मैडम X’ की अहम भूमिका
जांच में पता चला कि जिस महिला ने देवेंद्र को फंसाया, वह ISI के लिए काम करती है और पहले भी भारतीय युवाओं को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे जानकारी निकलवाने की कोशिश कर चुकी है।
सोशल मीडिया बन रहा हथियार
ISI की यह रणनीति नई नहीं है – सोशल मीडिया पर फर्जी महिला प्रोफाइल बनाकर युवाओं को जाल में फंसाना और उनसे देश की संवेदनशील जानकारी हासिल करना उसका पुराना तरीका रहा है।
फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां देवेंद्र के संपर्कों और बयानों की तफ्तीश कर रही हैं। साथ ही यह भी जांच जारी है कि क्या ISI के इस नेटवर्क में और भी भारतीय युवक फंसे हैं।