
हाल के दिनों में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों ने लोगों को चिंतित कर दिया है, खासकर जब ये घटनाएं युवाओं में देखने को मिल रही हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया और सार्वजनिक चर्चा में यह सवाल जोर पकड़ने लगा कि क्या इन मौतों का कारण कोविड-19 वैक्सीन हो सकता है? अब इस पर केंद्र सरकार ने स्थिति साफ कर दी है।
वैक्सीनेशन से नहीं जुड़ी अचानक मौतें: ICMR और NCDC की रिपोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अध्ययन के हवाले से बताया कि कोविड टीकाकरण और युवाओं की अचानक मौतों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है। दोनों संस्थाओं के अनुसार भारत में उपयोग किए गए कोविड टीके सुरक्षित हैं और उनसे जुड़े गंभीर दुष्प्रभावों की घटनाएं बहुत कम हैं।
हार्ट अटैक के पीछे कई अन्य कारण संभव
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अचानक मौतों के पीछे केवल वैक्सीन नहीं, बल्कि कई अन्य कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें आनुवंशिक बीमारियां, अस्वस्थ जीवनशैली, पूर्व से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं और कोविड संक्रमण के बाद की जटिलताएं भी शामिल हैं।
सिद्धारमैया के आरोपों पर केंद्र की सफाई
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में वैक्सीन की मंजूरी और उसके प्रभाव पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दावा किया कि हासन ज़िले में बीते 40 दिनों में 22 लोगों की अचानक हार्ट अटैक से मौत हुई, जिनमें से कुछ बेहद युवा थे। राज्य सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति बनाई है, जो 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
सरकार की अपील – वैक्सीन को दोषी ठहराने से बचें
केंद्र सरकार ने साफ किया कि वह इन मौतों की जांच गंभीरता से कर रही है, लेकिन अब तक किसी भी वैज्ञानिक रिपोर्ट में कोविड वैक्सीन को इन मौतों का कारण नहीं बताया गया है। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे बिना तथ्यों के वैक्सीन पर सवाल न उठाएं और अफवाहों से बचें।