
तेहरान – पश्चिम एशिया में एक बार फिर युद्ध जैसे हालात बनने लगे हैं। ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर जनरल अब्दुल रहीम मौसवी ने आशंका जताई है कि इजरायल कभी भी संघर्षविराम तोड़ सकता है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर इजरायल ने हमला किया, तो ईरान की सेना भी पूरी ताकत से पलटवार करने को तैयार है।
मौसवी ने यह बयान सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान के साथ बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि इजरायल पर संघर्षविराम का भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वह पहले भी समझौते तोड़ चुका है।
“हमें लगता है कि इजरायल संघर्षविराम का सम्मान नहीं करेगा। यदि उन्होंने दोबारा हमला किया, तो हमारी सेना उन्हें करारा जवाब देगी,” – जनरल मौसवी
ईरान का पक्ष: “हमने युद्ध की शुरुआत नहीं की”
मौसवी ने आगे कहा कि ईरान ने कभी हमले की पहल नहीं की। 13 जून को इजरायल ने अचानक ईरानी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिनमें कई वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए थे। जवाब में ईरान ने तेल अवीव समेत इजरायल के कई शहरों पर मिसाइलें दागीं। उनका कहना था कि “हमने केवल आत्मरक्षा में जवाब दिया और दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।”
13-24 जून: 11 दिन की विनाशकारी लड़ाई
13 जून: इजरायल ने अचानक ईरान पर हमला किया।
24 जून: दोनों पक्षों में जबरदस्त जवाबी हमले, भारी जानमाल का नुकसान।
22 जून: अमेरिका ने ईरान के 3 ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराए।
24 जून: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से युद्धविराम लागू हुआ।
अमेरिका और सऊदी की भूमिका
अमेरिका ने इजरायल का समर्थन करते हुए सीधे सैन्य कार्रवाई की थी, जबकि सऊदी अरब फिलहाल कूटनीतिक स्तर पर सक्रिय है। मौसवी ने सऊदी रक्षा मंत्री से बात करते हुए इजरायल की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि “अगर हालात फिर बिगड़े, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
मौजूदा स्थिति
मुद्दा | स्थिति |
---|---|
संघर्षविराम | लागू, लेकिन अस्थिर |
ईरान की चेतावनी | हमला हुआ तो जवाब ज़रूर मिलेगा |
इजरायल की स्थिति | फिलहाल शांत, लेकिन सतर्क |
अमेरिका | निगरानी कर रहा, जरूरत पड़ने पर介入 संभव |