इंदौर: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के कपड़ा बाजार में मुस्लिम सेल्समैन और व्यापारियों को काम करने से रोका गया है। यह कोई सरकारी या प्रशासनिक आदेश नहीं है, बल्कि इंदौर-4 विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे, एकलव्य सिंह गौड़ द्वारा जारी ‘फरमान’ के तहत किया गया है।
शीतलामाता कपड़ा बाजार के अध्यक्ष हेमा पंजवानी ने बताया कि 25 अगस्त को एक बंद कमरे में हुई बैठक में एकलव्य सिंह गौड़ ने व्यापारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और इसी दौरान यह फरमान जारी किया। इसके बाद उन्होंने मीडिया को कई बार बयान देते हुए कहा कि उनके पास कई बार लव जिहाद की शिकायतें आई हैं और मुस्लिम सेल्समैन महिलाओं को लव जिहाद में फंसाते हैं।
हालांकि, एकलव्य सिंह गौड़ निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन बाजार में उनकी बातों का असर काफी है। हेमा पंजवानी ने कहा, “हमारे एकलव्य भैया का आदेश था कि बाजार से मुस्लिम सेल्समैन और व्यापारियों को बाहर निकाला जाए। उनके पास कई बार लोग लव जिहाद के मुद्दे को लेकर गए थे।”
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एजाज़ अंसारी ने कहा कि वे फिलहाल “टूर पर हैं” और लौटने के बाद मामले को “डिटेल में समझेंगे और फिर उचित कदम उठाएंगे”।
इंदौर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि अब तक इस संबंध में उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। वहीं, विधायक मालिनी गौड़, मेयर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर बीजेपी अध्यक्ष सुमित शर्मा और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है।
सुरेंद्र जैन, जो कई सालों से मुसलमान कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं, कहते हैं, “हम लोग सारा काम मुसलमानों के साथ करते आ रहे हैं। मेरी दुकान में दो मुस्लिम कर्मचारी हैं, जो साड़ी के फॉल-पिको और एम्ब्रॉयडरी का सारा काम करते हैं। मेरी पत्नी ज्यादातर दुकान संभालती हैं। हमारे दोनों सेल्समैन पर कभी कोई शिकायत नहीं आई। तो मैं कैसे किसी को उसके धर्म के आधार पर निकाल दूं?”
उनकी पत्नी राजकुमारी जैन ने भी कहा, “20 साल से ये लोग हमारे साथ काम कर रहे हैं और कोई शिकायत नहीं आई। हमारे लिए ये बच्चे जैसे हैं।”