
भारत और अर्जेंटीना के रिश्तों ने 57 साल बाद एक नया मोड़ लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना की ऐतिहासिक द्विपक्षीय यात्रा की, जो इतने वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। जब पीएम मोदी ब्यूनस आयर्स पहुंचे, तो अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और गले लगाकर स्टेट ऑनर दिया। इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच मजबूत होती साझेदारी को नई दिशा दी है।
रणनीतिक रिश्तों को मिला विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मिलेई के बीच व्यापक बातचीत हुई, जिसमें व्यापार, रक्षा, दवाएं, ऊर्जा, खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। इस यात्रा के साथ ही भारत-अर्जेंटीना रिश्तों के 75 साल और रणनीतिक साझेदारी के 5 साल पूरे होने का भी उत्सव मनाया गया।
आतंकवाद के खिलाफ अर्जेंटीना का साथ
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अर्जेंटीना द्वारा भारत को मिले समर्थन के लिए राष्ट्रपति का आभार जताया। मोदी ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा कि दोनों देशों के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं और भविष्य में भी इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाएगा।
चीन पर निर्भरता होगी कम
अर्जेंटीना से हुए समझौतों के जरिए भारत अब कई अहम क्षेत्रों में चीन पर अपनी निर्भरता कम कर सकेगा। विशेष रूप से दवा उद्योग, खेल, और खनिज संसाधनों में अर्जेंटीना एक भरोसेमंद साझेदार बन सकता है। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पेरियासामी कुमारन ने बताया कि पीएम मोदी ने अर्जेंटीना के साथ इस सहयोग को “स्वाभाविक साझेदारी” बताया।
खनिज संपदा में अर्जेंटीना की अहम भूमिका
अर्जेंटीना लीथियम, तांबा और अन्य दुर्लभ खनिजों का बड़ा स्रोत है। ये खनिज भारत की स्वच्छ ऊर्जा नीति और औद्योगिक विकास के लिए बेहद अहम हैं। दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को भविष्य की साझेदारी का मुख्य आधार माना।