प्रदेश में शपथ ग्रहण समारोह के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और भाजपा खेमे के दिग्गज नेताओं के बीच आए दिन भेंट सियासी हलको में संदेह उत्पन कर रही थी। बहरहाल ऐसी भेंट को कभी शिष्टाचार तो कभी आपसी प्रेम का नाम दे दिया जाता है। आपको बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयानों से इस राजनितिक सस्पेंस में ट्विस्ट आ गया है। उन्होंने कहा कि अब बुढ़ापे में पार्टी बदलने के विषय में सोच भी नहीं सकता।
वही चुनाव परिणाम के बाद अब तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से उनके घर पर जाकर भेंट कर चुके हैं। इसके अलावा बीते दिनों हरीश रावत खुद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के घर गए थे। जिसके बाद उन्होंने कहा था जहाँ दावा होती है मरीज को वहां जाना ही पड़ता है। साथ ही रविवार को हरीश रावत ने मीडिया से बात करने के दौरान कहा कि वह एक घायल योद्धा हैं। महाभारत में भी घायल योद्धा को देखने विपक्षी खेमे के लोग आते थे।
इसमें कोई राजनीति या दूसरा कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस युद्ध में घायल हुए हैं,दोनों ने एक साथ बैठकर अपने-अपने घावों को साझा किया। गौरतलब है कि संगठन में प्रदेश अध्यक्ष का पद रिक्त है, कांग्रेस अब तक नेता प्रतिपक्ष भी नहीं चुन पाई, इस सवाल पर हरीश ने कहा कि दोनों महत्वपूर्ण पद हैं। इस समय पार्टी जो फैसला लेगी, उसका असर वर्ष 2024 और 2027 के चुनाव पर पड़ेगा। इसलिए पार्टी बहुत सोच समझकर इन पदों पर फैसला लेना चाहती है। इसलिए इनमें थोड़ा विलंब रहा है।