Headline
शबाना आजमी ने कंगना रनौत को थप्पड़ मारे जाने पर रिएक्शन दिया, कहा- “मैं इस मुद्दे पर…”
नशे में धुत रवीना टंडन पर बुजुर्ग महिला को पीटने का आरोप, वीडियो वायरल
अरविंद केजरीवाल ने किया तिहाड़ जेल में सरेंडर, समर्थकों के लिए भेजा संदेश ।
आखिर क्यों पहुंचे राहुल गांधी सिद्धू मूसेवाला के घर ?
‘राफा पर सभी की निगाहें’ नामक तस्वीर हो रही है सोशल मीडिया पर वायरल। आखिर क्या है इसका मतलब जानिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मुजरा’ बयान ने विवाद उत्पन्न किया है, ‘चिंतित’ विपक्ष ने कहा ‘शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले’।
जनसभा में बोले पीएम मोदी ” शहजादों का शटर गिरने वाला है, बंद होने वाली है दुकाने”
पीएम मोदी के कार्यक्रम में किच्छा के युवक को किया गया नोमिनेट
सुप्रीम कोर्ट की फटकार : हरक सिंह रावत और किशन चंद को कॉर्बेट नेश्नल पार्क मामले में नोटिस

38 वर्षों बाद बर्फ में दबा मिला फ़ौजी का शव, हल्द्वानी में होगा अंतिम संस्कार

कभी कभी ज़िन्दगी ऐसे मोड़ लेती है की किसी ने सोचा भी ना होगा, यह कहानी आपको बिलकुल फ़िल्मी लग सकती है लेकिन इसमें पूरी तरह सच्चाई है. एक फौजी जो अपने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान नौछावर कर देता है लेकिन उसका शव नही मिलता. फौजी के घर वालो की आँखों में इंतज़ार के आंसू है 38 वर्षों से फौजी पति की कोई ख़बर नहीं है.

1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन को लेकर हुई झड़प के दौरान 19 कुमाऊं रेजीमेंट के लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला बर्फीली तूफ़ान की चपेट में आकर शहीद हो गए थे. उस तूफ़ान में 19 जवान शहीद हुए थे, जिसमें से 14 के शव बरामद हो गए थे, लेकिन पांच शव नहीं मिले थे. 38 साल बाद जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर उनके घर हल्द्वानी पहुंचेगा. जिस समय चंद्रशेखर शहीद हुए थे उनकी उम्र 27 साल थी और उनकी दो बेटियां थीं, 7 साल और 4 साल की. आज उनकी उम्र 45 और 42 साल है.

38 साल बाद सियाचिन में चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मिला है. इसकी सूचना सेना की ओर से उनके परिजनों को दी गई है. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परिवार को सांत्वना देने भी पहुंचेंगे। लेकिन इस 38 साल में शहीद के परिवार में सब कुछ बदल गया जब चंद्रशेखर शहीद हुए थे तब उनकी दो छोटी बेटियां थी उनको अपने पिता की शक्ल भी याद नहीं थी आज 38 साल बाद उनके सामने उनके पिता के पार्थिव शरीर को सेना द्वारा लाया जाएगा और पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

15 अगस्त को पूरा देश आजादी का 75 वां सालगिरह अमृत महोत्सव के रूप में मनाएगा तो वही सियाचिन पर अपनी जान गवाने वाले एक शहीद सिपाही का पार्थिव शरीर 38 साल बाद उनके घर आ रहा है जी हां हम बात कर रहे हैं 19 कुमाऊँ रेजीमेंट में जवान चंद्रशेखर हर्बोला का जिनकी मौत 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान हो गई थी। बर्फीले तूफान में ऑपरेशन मेघदूत में 19 लोग दबे थे। जिनमें से 14 जवानों का शव बरामद कर लिया गया था । लेकिन पांच जवानों का शव नहीं मिल पाया था। जिसके बाद सेना ने चंद्रशेखर हर्बोला के घर में यह सूचना दे दी गई थी कि उनकी मौत बर्फीले तूफान की वजह से हो गई है उस दौरान चंद्रशेखर हर्बोला की उम्र सिर्फ 28 साल थी। उनकी दोनों बेटियां बहुत छोटी थी, परिजनों ने चंद्र शेखर हर्बोला का अंतिम संस्कार पहाड़ के रीति रिवाज के हिसाब से किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top