गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में एक बैंक कर्मचारी को साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में आरोपी ने एक व्यक्ति से 35 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने वाले साइबर अपराधियों की मदद की थी। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग अपनी नौकरी का दुरुपयोग कर दूसरों को ठगने में शामिल होते हैं।
घटना का परिचय
यह मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने 27 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसे शेयर बाजार में निवेश करने का लालच देकर ठगा गया। आरोपियों ने उसे अधिक रिटर्न का वादा किया था, लेकिन अंत में उसने अपने पैसे खो दिए। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया।
आरोपी की पहचान
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए बैंक कर्मचारी का नाम हरविंदर सिंह है। वह इंडसइंड बैंक की लाजपत नगर शाखा में सहायक प्रबंधक के रूप में कार्यरत था। हरविंदर सिंह ने 2022 से बैंक में काम करना शुरू किया था। उसकी भूमिका इस ठगी में महत्वपूर्ण थी, क्योंकि उसने साइबर अपराधियों को बैंक खाता खोलने में मदद की थी।
ठगी की योजना
साइबर अपराधियों ने एक फर्जी फर्म के नाम पर बैंक खाता खोलने के लिए हरविंदर सिंह से संपर्क किया। इसके बदले में उसे 30,000 रुपये का भुगतान किया गया। हरविंदर ने इस फर्जी फर्म के लिए खाता खोलने में मदद की, जिससे ठगों को पैसे निकालने में आसानी हुई।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हरविंदर के दो अन्य साथियों, योगेंद्र भाटी और विक्रम शाही, को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान इन दोनों ने बताया कि हरविंदर ने उन्हें फर्जी फर्म के नाम पर खाता खोलने में सहायता की थी। इस प्रकार, पुलिस ने हरविंदर को भी गिरफ्तार कर लिया और मामले की आगे की जांच शुरू की।
साइबर अपराध का बढ़ता हुआ खतरा
यह मामला इस बात का संकेत है कि साइबर अपराध किस तेजी से बढ़ रहा है। आजकल लोग अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न निवेश योजनाओं की तलाश कर रहे हैं, लेकिन ऐसे ठगों के जाल में फंसना आसान हो जाता है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें किसी भी प्रकार के निवेश से पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।