नैनीताल: पहाड़ की संस्कृति और लोक कला को आगे बढ़ाने में युवाओं की भागेदारी किसी से नहीं छिपी है।
बुजुर्गों से मिली विरासत को युवा वैश्विक मंच तक ले जा रहे है। कुल मिलाकर कहें तो हेमलता Hemlata Kabadwal के सहारे नए संसद भवन पर ऐपण कला छा गई है। देश की नई संसद में देशभर की महिला कलाकारों के साथ मिलकर पेंटिंग बनाई है। नए संसद भवन में कुमाऊं की ऐपण कला को स्थान दिया गया है। अब देशभर के सांसद उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोककला को देखेंगे। जाहिर है कि सभी सांसद इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक होंगे।
ऐपण कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहीं मुक्तेश्वर की हेमलता कबडवाल Hemlata Kabadwal ने भारत के विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों के साथ मिलकर संसद भवन के लिए वॉल पेंटिंग बनाई है। संसद भवन में प्रदर्शित इस पेंटिंग को कला दीर्घा के तहत पीपल्स वाॅल में जन-जननी-जन्मभूमि थीम पर तैयार किया गया है। 80 फुट की यह पेंटिंग विश्व की अब तक की सबसे लंबी पेंटिंग में शामिल है। केंद्र सरकार की ओर से जन जननी जन्म भूमि प्रोजेक्ट के अंतर्गत पूरे भारत की महिला कलाकारों को नए संसद भवन में एक चित्रकला बनाने का दायित्व दिया गया था। प्रोजेक्ट के तहत कलाकारों को अपनी लोक कला का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया गया। कलाकारों का चयन ललित कला अकादमी की ओर से किया गया था।