
नोएडा के सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसने समाज की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। यहां बुजुर्गों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा था, वह किसी भी इंसान की आत्मा को झकझोर कर रख दे।
वायरल वीडियो बना जांच की वजह
मामले की शुरुआत तब हुई जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में एक बुजुर्ग महिला को कपड़ों से बांधकर कमरे में बंद देखा गया। यह वीडियो लखनऊ स्थित समाज कल्याण विभाग तक पहुंचा, जहां से तत्काल एक्शन लेते हुए राज्य महिला आयोग, नोएडा पुलिस, जिला प्रोबेशन विभाग और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त टीम ने गुरुवार को वृद्धाश्रम में छापा मारा।
तहखानों में बंद, बिना देखरेख जी रहे थे बुजुर्ग
रेड के दौरान टीम ने जो नज़ारे देखे, वे किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक हैं। एक बुजुर्ग महिला बंधी हुई पाई गई, वहीं कई पुरुषों को अंधेरे और बंद तहखानों में कैद किया गया था। कुछ बुजुर्गों के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे, और कई महिलाएं फटे-पुराने वस्त्रों में थीं। सभी को बेहद दयनीय हालत में पाया गया।
देखभाल के नाम पर धोखा
इस वृद्धाश्रम में न कोई प्रशिक्षित स्टाफ था, न ही बुजुर्गों की देखरेख के लिए जरूरी संसाधन। खुद को ‘नर्स’ बताने वाली महिला दरअसल सिर्फ 12वीं पास निकली। कुछ बुजुर्ग मल-मूत्र से सने कपड़े पहने हुए थे, और खुद ही खाना बनाने से लेकर सफाई तक का काम करने को मजबूर थे।
महंगी फीस, लेकिन कोई सुविधा नहीं
इस तथाकथित सेवा आश्रम में एक बुजुर्ग को रखने के लिए 2.5 लाख रुपये डोनेशन लिया जाता था और हर महीने 6,000 रुपये का शुल्क भी। इसके बावजूद उन्हें न मानवीय व्यवहार मिल रहा था, न ही बुनियादी सुविधा। आश्रम में रह रहे कई बुजुर्ग सम्पन्न परिवारों से थे, लेकिन उन्हें बेसहारा छोड़ दिया गया।
अधिकारियों ने बताया ‘नरक’ से भी बदतर
राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि जब रेड की गई, तो अंदर का दृश्य ऐसा था मानो ये बुजुर्ग किसी जेल या नर्क में रह रहे हों। उन्होंने कहा कि ये बुजुर्ग पहले ही अपनों से बिछड़ चुके थे और अब यहां उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
रेड के बाद 39 बुजुर्गों को रेस्क्यू किया गया है। सभी को दो-तीन दिनों के भीतर सरकारी ओल्ड ऐज होम में स्थानांतरित किया जाएगा। आश्रम को फिलहाल सील कर दिया गया है, और पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू हो चुकी है।