एजुकेशन लोन की नई पहल
भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए एजुकेशन लोन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक नया पोर्टल विकसित करने की योजना बनाई है। यह कदम उन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद होगा जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता की तलाश में हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस नई योजना ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ पर जोर दिया है, जिसके अंतर्गत एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करना और भी सरल होगा।
नया एजुकेशन लोन पोर्टल
पोर्टल में बदलाव
शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव पूर्णेंदू किशोर बनर्जी के अनुसार, मौजूदा पोर्टल में कई सुधार किए जाएंगे। नया पोर्टल दिसंबर के अंत तक लॉन्च होने की उम्मीद है। वर्तमान में, छात्रों को पुराने पोर्टल के जरिए आवेदन करना पड़ रहा है, जो कि बहुत जटिल है। नए पोर्टल में आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई नए फीचर्स जोड़े जाएंगे।
- छोटा फॉर्मेट: नया ऑनलाइन फॉर्म केवल दो पन्नों का होगा।
- आधार वेरिफिकेशन: छात्रों को केवल आवश्यक डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे।
- सिंगल पोर्टल: सभी प्रक्रियाएँ एक ही पोर्टल पर होंगी, जिससे छात्रों को सुविधा होगी।
लोन लेने वाले छात्रों की संख्या
छात्रों की संख्या
भारत में हर साल लगभग 3 लाख छात्र एजुकेशन लोन लेते हैं। इनमें से अधिकांश छात्र बीटेक और एमबीए जैसे कोर्सेज के लिए लोन लेते हैं। लोन की औसत राशि लगभग 10 लाख रुपये होती है। नई योजना में एजुकेशन लोन की कोई अपर लिमिट नहीं होगी, जिससे छात्रों को अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
ब्याज में छूट
ब्याज पर छूट
नई योजना के तहत, 10 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज में छूट दी जाएगी। इस छूट का लाभ लगभग एक लाख छात्रों को मिलेगा। इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई के लिए वित्तीय बोझ कम करने में मदद मिलेगी।
लोन देने वाले बैंक
बैंकों की सूची
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, एजुकेशन लोन देने वाले बैंकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में, 12 प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक लगभग 98% लोन प्रदान करते हैं। इनमें शामिल हैं:
- केनरा बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
- यूनियन बैंक
- पंजाब नैशनल बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- बैंक ऑफ इंडिया
इसके अलावा, कुछ प्राइवेट और ग्रामीण बैंक भी इस योजना में शामिल होंगे, जिससे छात्रों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
रिसर्च कल्चर को बढ़ावा
नई योजना का उद्देश्य
शिक्षा मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि एक नई योजना जल्द ही लॉन्च की जाएगी, जिसका उद्देश्य देश में रिसर्च कल्चर को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, सरकारी संस्थानों के छात्रों को विदेशों में उपलब्ध बेहतरीन रिसर्च जर्नल्स का मुफ्त में एक्सेस मिलेगा।
- फीस में छूट: वर्तमान में, संस्थानों को इन जर्नल्स के लिए फीस चुकानी पड़ती है, लेकिन नई योजना के तहत यह सुविधा मुफ्त में उपलब्ध होगी।
- रिसर्च में सुधार: इससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता की रिसर्च सामग्री मिलेगी, जिससे उनके शोध कार्य में सुधार होगा।