
खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को खटीमा पहुंचे और 1 सितंबर 1994 के खटीमा गोलीकांड में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारियों को शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के बलिदान से ही उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ है और उनकी स्मृतियां सदैव अमर रहेंगी।
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद आंदोलनकारियों को कोटिशः नमन।
राज्य निर्माण में आपके द्वारा दिया गया बलिदान अविस्मरणीय है। हमारी सरकार शहीदों के सपनों के अनुरूप निरंतर कार्य कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों और… pic.twitter.com/yUswRPCtEl
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 1, 2024
सीएम धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें अलग राज्य दिलाया। उनकी स्मृति में सरकार लगातार कार्य कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के सशक्तिकरण के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि उनके सपनों के अनुरूप नव्य-दिव्य और विकसित उत्तराखंड का निर्माण हो।
खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर शहीद स्थल, खटीमा में आयोजित कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी शहीदों की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया।
राज्य आंदोलनकारियों के लंबे संघर्ष एवं बलिदान के कारण ही… pic.twitter.com/MF63mxpq62
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खटीमा गोलीकांड का इतिहास
1 सितंबर 1994 को उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा में हजारों लोग ‘उत्तराखंड राज्य दो’ की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे। तत्कालीन यूपी सरकार के कठोर रुख के बीच पुलिस ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारी शहीद हो गए और अनेक घायल हुए। तब से हर वर्ष इस दिन को खटीमा गोलीकांड की बरसी के रूप में मनाया जाता है।