सोशल मीडिया पोस्ट पर गिरफ्तारी: कपिल सिब्बल की दलीलों के बाद प्रोफेसर अली खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट के चलते गिरफ्तार हुए अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उनके खिलाफ चल रही पुलिस जांच पर रोक नहीं लगेगी।
कपिल सिब्बल ने पोस्ट पढ़कर बताया – “देशभक्ति से भरा बयान”
अली खान की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पूरा सोशल मीडिया पोस्ट पढ़कर सुनाया और कहा कि यह एक “देशभक्ति से प्रेरित टिप्पणी है, जिसमें युद्ध की मांग करने वालों की आलोचना की गई है, न कि भारत या उसकी सेना की।”
जस्टिस सूर्यकांत ने जब पोस्ट में प्रयुक्त शब्दों पर सवाल उठाया और कहा कि यह “डॉग व्हिसलिंग” जैसी भाषा हो सकती है (यानी गुप्त रूप से उकसाने वाली), तो सिब्बल ने कहा कि “मेरे मुवक्किल एक विद्वान हैं, उनका इरादा किसी को भड़काना नहीं बल्कि अपने विचार रखना था।”
कोर्ट का सवाल – “ऐसे समय में ये पोस्ट क्यों?”
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, “जब देश संवेदनशील दौर से गुजर रहा है, तब इस तरह की पोस्ट की क्या जरूरत थी?” कोर्ट ने कहा कि भले ही पोस्ट में कुछ असहज करने वाले शब्द हैं, लेकिन इसमें आपराधिक मंशा स्पष्ट नहीं है। इस आधार पर अदालत ने अली खान को अंतरिम जमानत देने का फैसला किया।
SIT गठन का आदेश
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने हरियाणा के डीजीपी को आदेश दिया कि वे 24 घंटे के भीतर IG रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT गठित करें। टीम में SP रैंक की एक महिला अधिकारी भी शामिल की जाए।
प्रोफेसर से पूछे कोर्ट ने तीखे सवाल
कोर्ट ने कहा, “एक प्रोफेसर और विद्वान होने के नाते आपसे उम्मीद की जाती है कि आप जिम्मेदार भाषा का प्रयोग करें। आपके पास शब्दों की कमी नहीं है, फिर भी आपने ऐसे शब्द क्यों चुने जो विवाद और असहजता पैदा कर सकते हैं?”
पोस्टिंग पर पाबंदी और जांच में सहयोग का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान को आदेश दिया कि वे भविष्य में भारत-पाकिस्तान संघर्ष जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई नई सोशल मीडिया पोस्ट न करें और SIT की जांच में पूरा सहयोग करें।
बता दें कि सोनीपत कोर्ट ने प्रोफेसर को 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर हरियाणा पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की थी, जिसके खिलाफ अली खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।