
हाल के महीनों में हार्ट अटैक से अचानक हुई मौतों के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, खासकर युवाओं में। इन घटनाओं के बाद आम लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा कि क्या इन मौतों का कोई संबंध कोविड-19 वैक्सीन से हो सकता है? अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है और स्थिति को साफ किया है।
मंत्रालय का बयान – वैक्सीन और मौतों के बीच नहीं है कोई सीधा संबंध
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा किए गए अध्ययनों के आधार पर ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है जो कोविड वैक्सीन और युवाओं की अचानक मौतों के बीच सीधा संबंध साबित करता हो।
वैक्सीन सुरक्षित, साइड इफेक्ट बेहद दुर्लभ – ICMR
ICMR और NCDC के शोध के मुताबिक भारत में उपयोग किए गए कोविड टीके पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावशाली हैं। गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बहुत ही कम सामने आए हैं। मंत्रालय का कहना है कि हार्ट अटैक से होने वाली अचानक मौतों के पीछे अनुवांशिक कारण, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां या कोविड संक्रमण के बाद की जटिलताएं जैसे कई अन्य कारण हो सकते हैं।
सिद्धारमैया के सवालों पर केंद्र की प्रतिक्रिया
यह बयान तब आया जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वैक्सीन की मंजूरी की प्रक्रिया और उसके संभावित असर पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा था कि हासन जिले में पिछले 40 दिनों में 22 लोगों की अचानक हार्ट अटैक से मौत हुई, जिनमें से कुछ की उम्र 25 वर्ष से भी कम थी। इन मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेषज्ञ समिति बनाई है, जो 10 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।
अफवाहों से बचें, वैक्सीन को दोष देना गलत – स्वास्थ्य मंत्रालय
सरकार ने स्पष्ट किया कि वह इन मौतों को गंभीरता से ले रही है और पूरी जांच की जा रही है। लेकिन अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करता हो कि इन मौतों के पीछे कोविड वैक्सीन जिम्मेदार है। मंत्रालय ने जनता से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बिना ठोस प्रमाण के वैक्सीन को जिम्मेदार न ठहराएं।