
12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के बाद अभी देश उस सदमे से उबरा भी नहीं था कि महज 38 घंटे के भीतर एक और गंभीर स्थिति सामने आ गई। 14 जून को दिल्ली से वियना जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 187 (बोइंग 777) टेक-ऑफ के कुछ ही मिनट बाद तकनीकी खराबी के कारण लगभग 900 फीट तक गिर गई। गनीमत रही कि हादसा टल गया।
टेक-ऑफ के बाद एक्टिव हुए खतरनाक अलर्ट
सुबह करीब 2:56 बजे जब विमान ने दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरी, उस समय तेज़ बारिश और तूफानी हवाएं चल रही थीं। टेक-ऑफ के तुरंत बाद विमान असामान्य रूप से नीचे आने लगा। तभी पायलट को कॉकपिट में ‘स्टॉल वॉर्निंग’, ‘डोंट सिंक’ और GPWS (ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वॉर्निंग सिस्टम) जैसे गंभीर अलर्ट मिलने लगे। साथ ही ‘स्टिक शेकर अलार्म’ भी एक्टिव हो गया, जो विमान की संभावित गिरावट का संकेत देता है।
पायलट की फुर्ती से टला हादसा
हालात को गंभीर समझते हुए पायलट्स ने तुरंत कंट्रोल संभाला और विमान को सही ऊंचाई पर लाकर स्थिति को स्थिर किया। इसके बाद फ्लाइट ने अपनी निर्धारित 9 घंटे 8 मिनट की उड़ान पूरी की और वियना में सुरक्षित लैंडिंग की। कुछ देर बाद नया क्रू विमान को लेकर टोरंटो रवाना हुआ।
DGCA की जांच में खुला बड़ा राज
घटना के बाद पायलट्स ने जो रिपोर्ट दी, उसमें केवल यह कहा गया कि टर्बुलेंस के कारण स्टिक शेकर एक्टिव हुआ। लेकिन बाकी चेतावनियों को छुपा लिया गया। DGCA ने जब फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) की जांच करवाई, तब जाकर यह सामने आया कि विमान को स्टॉल और डोंट सिंक जैसी गंभीर चेतावनियां मिली थीं।
दोनों पायलट्स पर कार्रवाई, ड्यूटी से हटाया गया
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि DGCA को रिपोर्ट सौंप दी गई है और मामले की जांच जारी है। फिलहाल दोनों पायलट्स को उड़ान ड्यूटी से हटा दिया गया है। DGCA ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एयर इंडिया के सुरक्षा मानकों की फिर से समीक्षा शुरू कर दी है।
एक हफ्ते में दूसरी बड़ी घटना
ध्यान देने वाली बात यह है कि 12 जून को AI 171 फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 275 यात्रियों की जान गई थी। उस घटना के बाद DGCA ने एयर इंडिया को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे।
अब 14 जून की यह दूसरी घटना एयर इंडिया की फ्लाइट सेफ्टी पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। DGCA की जांच जारी है और आगे और कड़ी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।