
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर मचे राजनीतिक घमासान के बीच अब भारतीय चुनाव आयोग इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने 10 सितंबर को दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) की बैठक बुलाई है। इस अहम बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एसआईआर पर विस्तार से चर्चा होगी।
अनुमान लगाया जा रहा है कि आयोग 1 जनवरी 2026 से पूरे देश में एसआईआर की शुरुआत कर सकता है। यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
बिहार से उठा विवाद
बिहार में एसआईआर अभियान एक राजनीतिक जंग का रूप ले चुका है। राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, तृणमूल कांग्रेस और सपा जैसे कई विपक्षी दलों ने बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने पर आपत्ति जताई है। विपक्ष ने इसे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
आयोग का पलटवार
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि “चुनाव आयोग बिना किसी भेदभाव के हर मतदाता – गरीब, अमीर, महिला, पुरुष, बुजुर्ग और युवा के साथ मजबूती से खड़ा है।”