देहरादून: प्रदेश के किसानों को रोजगार से जोड़ने के लिए राज्यभर में 17648 पॉलीहाउस लगाए जाएंगे। राज्य सरकार की इस योजना से एक लाख किसानों को रोजगार मिलेगा. किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में किस तरह रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, इस हेतु मुख्यमंत्री धामी लगातार गंभीरता से काम कर रहे हैं। तमाम सार्वजनिक मंचों से भी वे ये प्रतिबद्धता दर्शा चुके हैं कि हिमाचल की तर्ज पर राज्य के पर्वतीय जिलों में भी खेती-बागवानी को रोजगार का जरिया बनाया जाए। अब इसी कड़ी में राज्य सरकार ने पॉली हाउस को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके अन्तर्गत राज्य में क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस में सब्जी एवं फूलों की खेती की योजना का निर्णय लिया है।
नाबार्ड की योजनाके तहत 100 वर्गमीटर के आकार के 17648 पॉलीहाउस क्लस्टर तैयार किए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने 304 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी है। खास बात ये है कि पॉलीहाउस लगाने पर किसानों को 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसान स्वरोजगार के साधन अपना सकेंगे, साथ ही उनकी आय में भी वृद्धि हो सकेगी, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक स्तर मे सुधार होगा तथा पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले पलायन में भी कमी आयेगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। बैठक में कैबिनेट ने 22 हजार उपनलकर्मियों को हर महीने प्रोत्साहन भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अभी उन्हें तीन महीने में एक बार प्रोत्साहन भत्ता मिल रहा था। राज्य सरकार के फैसले के बाद कनिष्ठ कर्मचारियों को 4800 रुपये तक और वरिष्ठ कर्मचारियों को 5800 रुपये तक प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि एनएच और स्टेट हाईवे के किनारे भवन निर्माण के लिए नक्शा अनिवार्य होगा। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ज्यादा छात्र संख्या वाले 603 प्राथमिक और 76 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय में बदलने का फैसला लिया गया है।
चयनित स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बदला जाएगा। बैठक में अवस्थापना विकास व निवेश बोर्ड बनाने व बैंकों में ई-स्टाम्प की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने शासन को नए कर्मचारियों को लेकर प्रस्ताव भेजा था। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। साथ ही होम स्टे योजना पर अनुदान को लेकर भी जरूरी फैसला हुआ है। इसके तहत केवल नगर पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में ही होम स्टे बनाने पर सब्सिडी मिलेगी। निगम और पालिका क्षेत्र में होम स्टे योजना का अनुदान नहीं मिलेगा। इसके अलावा कैबिनेट ने तिब्बती समुदाय के लोगों के नक्शे का शुल्क 65 लाख 71 हजार रुपये माफ कर दिया है।